Skip to main content

Posts

Recent posts

प्राचीन हनुमान मंदिर में किया भजन संध्या का आयोजन

 हरिद्वार। कुशावर्त घाट के निकट प्राचीन हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव जयंती के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। भजन संध्या में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामजी से मेरी राम राम कहियो हनुमान जी, जय सियाराम आदि भजनों पर श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे। भजन संध्या के उपरांत केक काटकर भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया गया और सभी को प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना तथा आरती की गयी। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मंदिर के महंत रविपुरी महाराज ने कहा कि भगवान हनुमान सभी दुखों का हरण कर लेते हैं। पवन पुत्र हनुमान की आराधना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। उनकी सूक्षम पूजा अर्चना से पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

तीर्थ पुरोहितों द्वारा तैयार किए जाने वाले हस्तलिखित अभिलेखों की प्राचीन परंपरा पर आधारित है फिल्म ‘बही ट्रेसिंग माई एंसेस्टर्स’ रिलीज

  हरिद्वार। उत्तराखंड की संस्कृति,परंपरा व सभ्यता पर बनाई गई सात फिल्मों की सीरीज की आखिरी बहुप्रतीक्षित शार्ट फिल्म‘बही ट्रेसिंग माई एंसेस्टर्स’वर्चुअल भारत के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो गई है। रूरल इंडिया सपोर्टिंग ट्रस्ट के साथ भारतबाला द्वारा निर्देशित इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों द्वारा हस्तलिखित अभिलेखों को बनाए रखने की एक 700 साल प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डालती है। जिसने कई परिवारों को सैकड़ों साल पुराने बही के माध्यम से अपने पैतृक मूल की खोज करने में सक्षम बनाया है। हस्तलिखित बही को बनाए रखना उन उल्लेखनीय प्रथाओं में से एक है जो तकनीकी प्रगति और डिजिटलीकरण के बावजूद हरिद्वार में बची हुई है। बही जन्म,मृत्यु और वंशावली को सावधानी पूर्वक दर्ज करती हैं, जो अतीत और वर्तमान के बीच एक पुल के रूप में कार्य करती हैं। पूर्वजों के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर इन अभिलेखो को प्रामाणिकता प्रदान करते हैं। बही पंडितों के एक संप्रदाय द्वारा बनायी और संरक्षित की जाती है। जिन्हें तीर्थ पुरोहित कहा जाता है। जो अपने जजमानों को उनके पूर्वजों की याद में अनुष्ठान करने में मार्गदर

कल्पवृक्ष के समान है श्रीमद्भावगत कथा-स्वामी भास्करानंद

 हरिद्वार। महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी भास्कारानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। कथा के श्रवण और मनन से सभी इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। सप्तसरोवर मार्ग स्थित अखण्ड दयाधाम में गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट इंदौर की और से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालु भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला का वर्णन करते हुए स्वामी भास्करानंद ने बताया कि रास जीव के शिव से मिलन की कथा है। भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत, भागवत के पंच प्राण हैं,जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है। वह भव सागर से पार हो जाता है। उसे वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह का प्रसंग को सुनाते हुए स्वामी भास्करानंद ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ। रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती। यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए और लक्ष्मी नारायण

निरंकारी मिशन ने किया मानव एकता दिवस एवं रक्तदान शिविर का आयोजन

  हरिद्वार। निरंकार प्रभु ने हमें जो मानव जीवन दिया है। इसका प्रत्येक पल मानवता के प्रति समर्पित हो सके। परोपकार का ऐसा सुंदर भाव जब हमारे हृदय में उत्पन्न हो जाता है तब वास्तविक रूप में समूची मानवता हमें अपनी प्रतीत होने लगती है। फिर सबके भले की कामना ही हमारे जीवन का लक्ष्य बन जाता है। उक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने शाहपुर शीतला खेड़ा में आयोजित ‘मानव एकता दिवस’ के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। माता सुदीक्षा महाराज ने कहा कि मानव एकता दिवस बाबा गुरबचन सिंह की मानवता के प्रति की गयी उनकी सच्ची सेवाओ को समर्पित है। जिससे निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त प्रेरणा लेकर अपने जीवन का कल्याण कर रहा है। उन्होंने कहा कि सेवा का भाव सदैव निष्काम ही रहा है। ऐसी भावना जब हमारे मन में बस जाती है। तब हमारा जीवन वास्तव में मानवता के कल्याणार्थ समर्पित हो जाता है। हमारी सेवा भावना साकार एवं कर्म रूप में समस्त मानव परिवार के लिए वरदान बन जाती है। मानव एकता दिवस के अवसर पर संत निरंकारी मिशन की सामाजिक संस्था संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की और से रक्तदान शिविर का आ

गायत्री मंत्र की महिमा अपरंपार है-स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती

 हरिद्वार। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि गायत्री मंत्र की महिमा अपरंपार है। गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से तन,मन और अंतःकरण पवित्र हो जाते हैं। राजा गार्डन स्थित श्रीहनुमत गौशाला में आयोजित श्रीगायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गायत्री मंत्र किसी धर्म विशेष ही नहीं बल्कि संपूर्ण सृष्टि के लिए कल्याण कारक है। गायत्री मंत्र के साथ दी गई आहुति से विश्व कल्याण के लिए सकारात्मक वातावरण का सृजन होता है। दिल्ली,पंजाब,हरियाणा,गुजरात एवं उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालुओं के साथ ही बड़ी संख्या में पूर्णाहुति करने पहुंचे स्थानीय गणमान्य नागरिकों को भाग्यशाली बताते हुए उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थल और गंगा तट पर गौशाला में किया गया गायत्री महायज्ञ निश्चित ही विश्व कल्याण के लिए उत्तम कारक बनेगा। अग्नि देवता और यज्ञ भगवान की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि यज्ञ के सम्मुख संयुक्त रूप से लिया गया संकल्प कल्याणकारी होता है और जो दूसरों का कल्याण चाहते हैं भगव

चाकू समेत संदिग्ध दबोचा

 हरिद्वार। ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने एक संदिग्ध के चाकू समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार बीती रात चेकिंग अभियान के दौरान संदिग्ध अवस्था में घूम रहे एक व्यक्ति को रोककर तलाशी ली गयी तो उसके कब्जे से चाकू बरामद हुआ। पूछताछ में उसने अपना नाम नीरज उर्फ डोला पुत्र सुरेश कुमार निवासी बाल्मीकि बस्ती ज्वालापुर बताया। चाकू बरामद होने पर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकद्मा दर्ज किया गया है।