हरिद्वार। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से गंगा को स्केप चैनल घोषित करने वाला अध्यादेश तुरंत वापस लेने की मांग की है। हरिद्वार। तीर्थ पुरोहित समाज के सौरभ सिखौला ने कहा कि हर की पैड़ी पर प्रवाहित गंगा को गंगा नदी घोषित करने के लिए सरकार ही बताये कि अब माॅ गंगा को गंगा कहने के लिए क्या किया जाये। हरिद्वार सिर्फ मंत्री का ही नही सभी रहने वालों का है। बुधवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सौरभ सिखौला ने कहा कि मां गंगा को स्कैप चैनल घोषित किए जाने का अध्यादेश अभी तक बदला नहीं जा सका है, जबकि उन्हें भाजपा सरकार से उम्मीद थी कि वह कांग्रेस सरकार का आदेश बदलकर मां गंगा का सम्मान लौटा देगी। उन्होने चेतावनी दी कि सरकार की बेरूखी बरकरार रहने पर गंगा सभा गंगा को नदी घोषित कराने के लिए अब आंदोलन का सहारा लिया जायेगा। उन्होने कहा पंडित मदन मोहन मालवीय के पदचिह्नों पर चलकर गंगा को बचाया जाएगा। जिसके लिए अब बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होने आॅनलाईन पितृकर्म का विरोध करते हुए कहा कि यह कही से भी शास्त्रसम्मत नही है। इसके अलावा खड़खड़ी से पुल जटवाड़ा ज्वालापुर तक गंगा में 22 गंदे नाले गिर रहे हैं। जिन्हें आज तक बंद नहीं किया गया है। जिससे गंगा की शुद्धता पर विपरीत असर पड़ रहा है। डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी ने कहा कि गंगा तट पर जगह-जगह हरकी पैड़ी के बोर्ड लगाकर श्रद्धालुओं के साथ धोखा किया जा रहा है। इन स्थानों पर अस्थि विसर्जन और अन्य धार्मिक कार्य कराए जा रहे हैं, जो अनैतिक है। कहा कि ऑनलाइन श्राद्ध पर पितर कर्म न कभी मान्य था और न ही कभी भी हो सकता है। कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कहा कि चारों मुद्दों को लेकर युवा साथियों के साथ बड़े स्तर पर आंदोलन किया जायेगा। उन्होने साफ किया कि हरिद्वार सिर्फ मंत्री का ही नही,बल्कि सभी रहने वालों का है। इसलिए हर की पैड़ी पर गंगा को माॅ गंगा घोषित करने हरकी पैड़ी पर आने वालों को धोखेबाजों से बचाने तथा नालों को गंगा मे गिरने से बचाने के लिए सभी नागरिकों का सहयोग लेकर बड़ा आंदोलन किया जायेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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