हरिद्वार। जनपद में लगातार तीसरे दिन कोविड19 यानि कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्रतार धीमी रही। गुरूवार को जनपद में कोरोना सक्रमण के 69नये मरीजों की पहचान की गयी। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8638 हो गयी है,जबकि कटेनमेंट जोन की संख्या घटकर 207 हो गयी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार गुरूवार को जनपद में कोविड19 यानि कोरोना संक्रमण के 69नये मरीजों की पहचान की गयी,इसके साथ ही जनपद में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8638 हो गयी। हलांकि एक्टिव केस की संख्या 390 हेै,जिनका उपचार विभिन्न कोविड अस्पतालों में जारी है। गुरूवार को 35कोविड संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया। जबकि गुरूवार को 1469लोगों के सैंपल कोविड जांच के लिए भेजे गये। इसके साथ ही अब तक जनपद से 112170 लोगों के सैंपल कोविड जांच के लिए भेजी जा चुकी है,जिनमें से 107352 लोगों के सैंपल की जांच रिर्पोट आ चुकी है,अभी 2330 लोगों के सैंपल की कोविड जांच रिर्पोट आने का इंतजार है। विभिन्न फेसिलिटी केन्द्रों में 4209 लोगों को भर्ती किया गया है। गुरूवार को हरिद्वार शहरी क्षेत्र से 18,बहादराबाद क्षेत्र से 18,लक्सर क्षेत्र से 11,रूड़की क्षेत्र से 15 के अलावा भगवानपुर क्षेत्र से 7पाॅजिटिव मरीजों की पहचान की गयी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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