हरिद्वार। बिहार झारखण्ड सांस्कृतिक परिषद के तत्वाधान में भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा.राजेंद्र प्रसाद की जयंती समारोह पूर्वक मनायी गयी। भेल सेक्टर-5 स्थित रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथी भेल महाप्रबंधक (वैक्स) संजय सक्सेना, अपर महाप्रबंधक सीएफएफपी सुरेंद्र कुमार, एनपी राय, उपमहाप्रबंधक विद्यासागर, बिहार झारखण्ड सांस्कृतिक परिषद के वरिष्ठ नेता जटाशंकर श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलित कर व स्व.डा.राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की। देश के प्रथम राष्ट्रपति स्व.डा.राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए मुख्य अतिथी संजय सक्सेना व सुरेंद्र कुमार ने कहा कि आजादी के बाद देश की प्रगति में अहम योगदान करने वाले डा.राजेंद्र प्रसाद बिहार की सांस्कृतिक विरासत के प्रतिरूप थे। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए राष्ट्रहित में अपना योगदान करना चाहिए। बिहार झारखण्ड परिषद के अध्यक्ष रजनीश कुमार व जटाशंकर श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार झारखंड के लोगों ने भारत सहित पूरी दुनिया को अपनी प्रतिभा से समृद्ध किया है। देश के पहले राष्ट्रपति रहे डा.राजेंद्र प्रसाद ने देश हित मे समर्पित भावना से काम किया। देश के विभिन्न मुद्दों को हल करने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। बिहार झारखण्ड सांस्कृतिक परिषद बिहार की सांस्कृति विरासत का संजोए रखने के साथ सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर अपनी हिस्सेदारी निभा रही है। गरीब, असहाय निर्धन परिवारों के उत्थान के साथ युवाओं को संस्कारवान बनाने में भी परिषद योगदान कर रही है। इस अवसर पर सदानंद बैठा, रामयतन प्रसाद, केके प्रसादख्, डीपी यादव, आलोक साहा, नागेश पटेल, सोनेश्वरन, कमलेंद्र कुमार, कुमार सोना, चिरंजीव कुमार, बबलू गोंड, यशवंत साफी, शैलेंद्र कुमार चैरसिया, ज्योतिष कुमार गुप्ता, राजीव रंजन आदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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