हरिद्वार। शांतिकुंज में देशभर से आए हजारों परिजनों ने शुक्रवार को पवित्र हवनकुण्डों में विशेष आहुति डालकर कैलेण्डर नववर्ष का अभिनंदन किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या और संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ में कोविड-19 के कारण असंख्य श्रद्धालु गंगा दर्शन और स्नान के लिए कुंभनगरी नहीं पहुंच पाएंगे। ऐसी स्थिति में गायत्री परिवार के कार्यकर्ता उन लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं तक ‘आपके द्वार-पहुंचा हरिद्वार योजना के अंतर्गत हरिद्वार से गंगाजल लेकर उनके घरों तक जाएगा। इसके अंतर्गत चार माह तक गायत्री परिवार के लाखों कार्यकर्ता कार्य करेंगे। गायत्री परिवार प्रमुख ने सद्ज्ञान, सत्कर्म एवं सत्संग की गंगोत्री में स्नान करने के लिए सभी वर्ग के लोगों का आह्वान किया। नववर्ष के प्रथम दिन डॉ. पण्ड्या ने कहा कि वर्ष 2021 शांतिकुंज का स्वर्ण जयंती वर्ष है। इस वर्ष देश-विदेश के लाखों युवाओं को रचनात्मक कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा। डॉ. पण्ड्या ने इस अभियान में समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी का आह्वान किया। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि इस वर्ष नवसृजन, आध्यात्मिक उन्नति जैसे अनेक स्वर्णिम कोष का उद्गम होगा। वहीं नववर्ष के प्रथम किरण का स्वागत के अवसर पर वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के साथ 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। जिसमें कई पारियों में साधकों ने गायत्री महामंत्र और महामृत्युंजय मंत्र से विशेष यज्ञाहुतियां डाली। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान एवं शांतिकुंज परिवार ने गायत्री पविार प्रमुख से भेंटकर नववर्ष के लिए विशेष मार्गदर्शन प्राप्त किया। साथ ही विभिन्न संस्कार बड़ी संख्या में संपन्न कराए गए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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