हरिद्वार। मकर संक्रान्ति के श्री स्वामी नारायण आश्रम भूपतवाला में नवनिर्मित प्रवेश द्वार का शुभारम्भ संत-महंतजनों की मौजूदगी में गौ पूजन के साथ हुआ। इस अवसर पर आश्रम के परमाध्यक्ष श्री स्वामी हरिबल्लभ दास शास्त्री जी महाराज ने कहा कि गौ, गंगा और गायत्री सनातन हिन्दू धर्म का आधार है जिनमें समस्त तीर्थ और देवी-देवता समाहित है। उन्होंने बताया कि श्री स्वामी नारायण आश्रम के विस्तार के अन्तर्गत नवनिर्मित प्रवेश द्वार के लोकार्पण के अन्तर्गत सर्वप्रथम गंगाजल से भरे पवित्र कलशों को बटुक ब्राह्माणों द्वारा प्रवेश करवाया गया। तत्पश्चात् गौ माता ने प्रवेश किया और उसके पश्चात संत-महंतजनों ने आश्रम में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि सनातन हिन्दू धर्म की यह मान्यता है कि गौ, गंगा और संत तीनों ईश्वर स्वरूप है। आश्रम के संचालक श्री स्वामी आनन्द स्वरूप शास्त्री ने इस लोकार्पण समारोह में पधारे संत-महंतजनों का स्वागत करते हुए कहा कि श्री स्वामी नारायण आश्रम भूपतवाला धर्म और सेवा का केन्द्र बिन्दु है जहां पर प्रतिदिन गौ सेवा, संत सेवा और दरिद्र नारायण की सेवा एक प्रकल्प के रूप में सदैव संचालित रहती है। इस अवसर पर म.मं. स्वामी हरिचेतानन्द, म.मं. स्वामी प्रेमानन्द, म.मं. अनन्तानन्द, महंत रूपेन्द्र प्रकाश, स्वामी सत्यव्रतानन्द, महंत मोहन सिंह, महंत लोकेश दास, महंत प्रकाशानन्द, महंत सूरज दास, महंत वेदांत प्रकाश, महंत धर्मदास, भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी, एडवोकेट अरविन्द शर्मा, समाजसेवी संजय वर्मा, योगेश भगत, सूर्यकान्त शर्मा सहित संत-महंतजन उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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