हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज 2021 के महाकुंभ मेले को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने मेला अधिकारी दीपक रावत व अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर गहन चर्चा की। श्री पंचायती अखाड़ा निरजनी में चर्चा करते हुए श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेला हमारी भारतीय सनातन परंपराओं की अदभुत पहचान है और यहां सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के शिविर लगते हैं। शिविर में सभी संत महंत राष्ट्र की एकता अखण्डता को कायम रखने के लिए रात दिन ईश्वर के नाम का जप तप करते हैं। ताकि पूरे विश्व में शांति व्याप्त रहे। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि 2010 में संपन्न हुए कुंभ मेले की तर्ज पर ही 2021 का कुंभ संपन्न होगा। बाहर से नागा सन्यासी एवं खालसे भी हरिद्वार आएंगे। कमरे में कुंभ नहीं होगा। सभी सन्यासी अखाड़ों व वैष्णव अखाड़ों के संतों के निवास के लिए शिविर लगाए जाएंगे। महाण्डलेश्वर नगर भी बसाया जाएगा। शिविर स्थापना के लिए जमीन आवंटन का काम जल्द शुरू किया जाए। कोराना का खतरा कम हो रहा है। इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। मेला अधिकारी बार बार यह कहते हैं कि उन्हें मेला कराने को लेकर ऊपर से निर्देश प्राप्त नहीं है। मेलाधिकारी इस वजह से पूरी तरह मेले की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। हरिद्वार कुंभ आयोजन में एक माह का समय शेष रह गया है। यदि सरकार संतों के शिविर की व्यवस्था नहीे कर सकती है। तो हरिद्वार कुंभ की प्रशंसा कौन करेगा। अखाड़ा परिषद एक साल से कह रही है कि सरकार अपनी व्यवस्था पूर्ण रखे। यदि कोरोना ज्यादा फैलेगा तो मेले के स्वरूप पर निर्णय लेंगे। वर्तमान में कोरोना का प्रभाव ज्यादा नहीं है और कोरोना वैक्सीन भी देश में आ चुकी है। फिर मुख्यमंत्री यह बताएं कि समस्या क्या है। यदि बजट की कमी है तो बताये, उसके लिए अखाड़ा परिषद पदाधिकारी प्रधानमंत्री से मिलेंगे और अतिरिक्त बजट की मांग करेंगे। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि रविवार को वह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिलकर उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना करेंगे और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करेंगे। साथ ही उनसे यह मांग करेंगे कि संतों के लिए शिविर लगाए जाने की सुविधाएं प्रदान करने के लिए मेलाधिकारी को निर्देशित करें। मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं। कुंभ मेले से संबंधित सभी कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएंगे। इस दौरान श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज, श्रीमहंत रामलखन गिरी महाराज, महंत मनीष भारती, महंत गंगा गिरी, महंत राधे गिरी, स्वामी गिरजानंद सरस्वती आदि सहित कई संत उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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