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स्वामी कल्याणानंद सरस्वती त्याग और तपस्या की साक्षात् प्रतिमूर्ति थे- स्वामी राजराजेश्वराश्रम

हरिद्वार। तीर्थनगरी की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री मानव कल्याण आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणानंद सरस्वती जी महाराज की चतुर्थ पुण्यतिथि श्री ललिताम्बा देवी ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रद्धाभाव के साथ मनायी गयी। श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज की अध्यक्षता, म.मं. स्वामी प्रेमानंद महाराज हरि भारती, महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी महाराज के सानिध्य एवं श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज के संयोजन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणानंद सरस्वती जी महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात् प्रतिमूर्ति थे वे परम गौ भक्त और आदि शंकराचार्य भगवान के प्रति अगाध श्रद्धा भाव रखने वाले संत थे। उनका समूचा जीवन धर्म, संस्कृति व गौ संरक्षण में समर्पित रहा। महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और संस्था के ट्रस्टी महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि स्वामी कल्याणानंद सरस्वती जी महाराज ने गौ रक्षा आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और जेल यात्रा भी की जिसके लिए वे सदैव याद किये जाते रहेंगे। संस्था के ट्रस्टी श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हरिद्वार का शंकराचार्य चैक और आदि शंकराचार्य स्मारक समिति ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणानंद सरस्वती जी महाराज की देन है। मानव कल्याण आश्रम के महंत स्वामी दुर्गेशानंद सरस्वती महाराज ने श्रद्धाजंलि समारोह में पधारे संतजनांे का स्वागत करते हुए कहा कि गुरूदेव को ब्रह्मलीन हुए चार वर्ष हो चुके है संस्था उनके बाताऐ मार्ग का अनुसरण करते हुए धर्म और सेवा के कार्य करती चली आ रही है। मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि स्वामी कल्याणानन्द सरस्वती जी महाराज युगपुरुष थे। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में बद्रीनाथ में मानव कल्याण आश्रमों की स्थापना कर तीर्थयात्रियों को आवास की व्यवस्था उपलब्ध करायी। इस अवसर पर म.मं. स्वामी शिव प्रेमानंद महाराज, म.मं. स्वामी आनंद चैतन्य, म.मं. स्वामी गिरधर गिरि, स्वामी सदानन्द, स्वामी केशव हरि, ट्रस्टी रेणुका बेन एल. ठक्कर, पार्षद विनित जौली, अनिल वशिष्ठ, राजेश शर्मा, प्रशांत सैनी, शुभम मैंदोला, योगेन्द्र सैनी, सचिन अग्रवाल, नितिन माणा, हितेश चैधरी, सुनील पाण्डेय, विनित गिरि, ब्रह्म समेत सहित संत-महंतजन उपस्थित रहे।


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