हरिद्वार। जनपद के लिए राहत भरी खबर बहुत दिनों बाद सामने आयी है। विश्वव्यापी महामारी कोविड19 यानि कोरोना काल में सोमवार को पहली बार ऐसा दिन रहा जब जिले में एक भी कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज नहीं किया गया। सोमवार को जनपद में अब महज 4 मरीज कोविड केयर सेंटर में, जबकि 5 आइसोलेट हैं। एक्टिव केस घटकर अब जिले में सिर्फ 9 ही रह गए हैं। महामारी के शुरू होने के बाद कोरोना काल में सितंबर ऐसा माह था जिसमें कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। कोरोना मरीज मिलने का आंकड़ा शून्य पहुंचने पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस की सांस ली है। जिले के तमाम फैसिलिटी सेंटर में भी सोमवार को कोई बाहरी मरीज भी भर्ती होने नहीं आया। जनपद में अब महज 4 मरीज कोविड केयर सेंटर में, जबकि 5 आइसोलेट हैं। एक्टिव केस घटकर अब जिले में सिर्फ 9 ही रह गए हैं। हरिद्वार में अब तक कुल 13,283 कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। जनपद में अब तक 4 लाख 16 हजार 406 लोगों के सैंपल की जांच कराई जा चुकी है। अब जिले में एक भी एक्टिव कंटेन्मेंट जोन नहीं है। अप्रैल 2020 से जिले में शुरू हुआ कोरोना मरीज मिलने का सिलसिला सितंबर तक अपने चरम पर था। हालात यह थे कि एक दिन में आंकड़ा 600 से 700 पॉजिटिव प्रतिदिन आना शुरू हो गया था जिसने स्वास्थ विभाग के साथ हरिद्वार के निवासियों की चिंता भी बढ़ा दी थी। लेकिन इस कोरोना काल में 15 फरवरी को एक ऐसा भी दिन आया जब जिले में एक भी कोरोना संक्रमित सामने नहीं आया। दूसरी ओर जनपद में अब रोजाना दो हजार से ढाई हजार टेस्ट सरकारी और निजी लैब में किये जा रहे हैं। बीते 1 माह में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा अपने न्यूनतम स्तर पर दर्ज किया। दूसरी ओर बीते कुछ समय से जिले में कोरोना वैक्सिनेशन का कार्य भी शुरू किया जा चुका है लेकिन अभी यह आम लोगों के बजाय फ्रंट लाइन वर्कर्स को दिया जा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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