हरिद्वार। कुंभ मेला 2021 हरिद्वार में तैनात हुए अर्धसैनिक बलों का कुंभ मेला संबंधी 03 दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण एटीसी हरिद्वार में प्रारंभ किया गया। उक्त प्रशिक्षण में सीआईएसएफ और एसएसबी के 05 अधिकारियों सहित कुल 113 जवान प्रतिभाग कर रहे हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को दिए जा रहे उक्त तीन दिवसीय प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि अर्ध सैनिक बल के जवान अपने आपको कुम्भ मेला ड्यूटी हेतु मानसिक और वैचारिक तौर से तैयार कर सकें। कुम्भ मेले में तैनात हुए अर्द्धसैनिक बलों के कई अधिकारीध्जवान ऐसे भी हैं, जो अपनी कुम्भ तैनाती से पूर्व आतंकवादी, नक्सलाइट एवं अन्य अशांत क्षेत्रों में ड्यूटीरत रहे हैं, इस वजह से जवानो के मन मस्तिष्क पर उसी प्रकार की परिस्थितियों के अनुसार कार्यवाही करने की प्रवर्ति और आदत लंबे समय तक बनी रहती है। जबकि कुम्भ मेले की डयूटी का स्वरूप और प्रकृति किसी भी अशांत क्षेत्र या विवादास्पद परिस्थितियों के बिल्कुल उलट होती है। जहाँ अशांत क्षेत्रों में परिस्थितियों के बिगड़ने पर तत्काल बल प्रयोग करने या शस्त्र प्रयोग करने तक की आवश्यकता होती हैं, वहीं कुम्भ मेले में स्नान करने आये श्रद्धालुओं के साथ बड़ी ही विनम्रता और आदर के साथ व्यवहार करना होता है। कुम्भ मेले में मुख्यतः यातायात एवं आस्थावान भीड़ के नियंत्रण का कार्य ही करना होता है। ऐसे में यदि कोई जवान जरा सी बात पर अशांत क्षेत्र की भांति कठोर व्यवहार या कार्यवाही कर ले तो परिस्थितियां बिगड़ सकती है। हरिद्वार में पूर्व में हुए घटनाक्रमों से प्राप्त अनुभवों के आधार पर ही कुम्भ मेले में तैनाती पाए अर्धसैनिक बलों को कुम्भ मेले से सम्बंधित व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया जाना निश्चित किया गया है। प्रशिक्षण सत्र का प्रारंभ करते हुए सर्वप्रथम श्री प्रकाश देवली पुलिस उपाधीक्षक यातायात द्वारा प्रशिक्षण की आवश्यकता और उपयोगिता के बारे मे बताया गया। सत्र के औपचारिक आरम्भ के बाद सुरजीत सिंह पंवार उप सेनानायक, सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार के द्वारा कुम्भ मेले का परिचय, इतिहास, परम्पराओं की जानकारी तथा कुम्भ मेले में पुलिस की भूमिका, व्यवहार और आचरण के विषय मे व्याख्यान दिया गया। आने वाले 03 दिनों में अर्द्धसैनिक बलों को कुम्भ सुरक्षा प्रबंधन, आतंकवाद निरोधक कार्यवाही, कुम्भ के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं के समय की जाने वाली कार्यवाही, कुम्भ मेला संचार व्यवस्था, शाही स्नानों में पुलिस व्यवस्था, अखाड़ों का परिचय, धर्म ध्वजा, शाही प्रवेश, पेशवाई, मुख्य स्नानों पर्वों पर भीड़ नियंत्रण, सिद्धांत, योजनायें, मेले की पैदल यातायात योजना, वाहन यातायात योजना एवं आपदा प्रबंधन के विषय मे अनुभवी, सेवानिवृत्त और विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा व्याख्यान दिया जाना प्रस्तावित है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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