हरिद्वार। भेल की पंजीकृत ट्रेड यूनियनों ने बैठक कर 25 मार्च को हरिद्वार समेत भेल की समस्त यूनिटों में स्थानीय विधायक और सांसदों के घेराव का निर्णय लिया है। रविवार को सामुदायिक केंद्र सेक्टर-4 में आयोजित बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति, भेल सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण और श्रमिक विरोधी श्रम संहिताओं के विरोध में संयुक्त आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। भेल के श्रमिक नेताओं ने कहा कि भेल सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण करने का केंद्र सरकार का सपना किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने देंगे। श्रमिक विरोधी 4 श्रम संहिताओं को श्रमिक वर्ग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी अंतिम सांस तक इस संघर्ष को जारी रखेंगे। आने वाले दिनो में संघर्ष को और तेज करने का निर्णय लिया। इस दौरान इंटक (हीप) के महामंत्री राजबीर सिंह, एचएमएस (हीप) के महामंत्री मनीष सिंह, एचईडब्लूटीयू के महामंत्री विकास सिंह, एटक (सीएफएफपी) के महामंत्री सौरभ त्यागी, बीएमएस (हीप ) के महामंत्री सन्दीप कुमार, हेमु के महामंत्री मोहित कुमार शर्मा, बीकेपी के महामंत्री अमित चैहान, एटक (हीप) के महामंत्री संदीप चैधरी, बीएमएस (सीएफएफपी) के महामंत्री पवन कश्यप, इंटक (सीएफएफपी) के अध्यक्ष सुकरमपाल सिंह, ऐबु (सीएफएफपी) के महामंत्री कृपाल सिंह, बीएमटीयू के महांमत्री अवधेश कुमार, बीएसयू के महामंत्री अरविंद कुमार, श्रमिक यूनियन के महामंत्री आशीष सैनी, ऐबू (हीप) के महामंत्री गगन वर्मा, बीईएस के महामंत्री प्रीतम सिंह सौदाई, बीएसएसयू के अध्यक्ष जसविंदर सिंह, एचएमएस (सीएफएफपी) के महामंत्री सचिन शर्मा, श्रमिक यूनियन (सीएफएफपी) के महामंत्री अमित गोगना, सीएफएफडब्लूयू के महामंत्री जयशंकर, एफएफएमएस के महामंत्री रविन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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