हरिद्वार। नेपाल हिन्दूराष्ट्र पुनः स्थापना मंच के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर बिष्णु प्रसाद बराल ने नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है। नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने की मुहिम में जुटे बिष्णु प्रसाद बराल कुंभ मेले में संत समाज का समर्थन जुटाने के लिए हरिद्वार आए हुए हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिष्णु प्रसाद बराल ने कहा कि विश्व के एक मात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल को धर्मनिरपेक्ष घोषित किए जाने के बाद धर्म परिवर्तन के मामले तेजी से बढ़े रहे हैं। नेपाल को दोबारा से हिन्दू राष्ट्र घोषित कराने के लिए विश्व के सभी हिन्दुओं को एकजुट होना होगा। इसके लिए वे लगातार मुहिम चला रहे हैं। नई दिल्ली स्थित जंतर मंतर सहित भारत के कई प्रमुख राज्यों यूपी, हरियाणा, असम, महाराष्ट्र में इस अभियान को चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला सनातन हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से लाखों हिंदू व संत समाज एकत्र होता है। इसलिए मुहिम को गति देने के लिए वे हरिद्वार कुंभ मेले में आए हैं। इसके तहत 19 अप्रैल को चण्डीघाट पर विशाल सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में नेपाली मूल के लोगों व सत समाज ने नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की मुहिम का समर्थन किया। बिष्णु प्रसाद बराल ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व कई अखाड़ों के प्रतिनिधियों से उनकी वार्ता हुई है। सभी ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए हर प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया है। बताया कि संगठन की और से नेपाल सरकार से भी नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग लगातार की जा रही है। इसके लिए विश्व के सभी हिन्दुओं का सहयोग जरूरी है। इस दौरान चंद्रकुंवर, बम बहादुर चंद्र, बल बहादुर चंद्र भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment