हरिद्वार। मेष संक्रांति पर कुंभ का दूसरेे शाही स्नान के दौरान अखाड़ों का वैभव दिखा। लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। अखाड़ों का शाही काफिला अपने-अपने समय में स्नान को हर की पैड़ी घाट पहुंच रहे हैं। सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी और उसके सहयोगी अखाड़ों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद अब जूना अखाड़ा भी शाही स्नान को पहुंचे। इस दौरान अखाड़ों का वैभव देखते ही बन रहा है। वहीं, ज्योतिष और शारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नीलधारा गंगा तट पर शाही स्नान किया। इधर, 12 बजे तक 8.87 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। बता दें कि अखाड़ों के स्नान के दौरान हर की पैड़ी पर आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान में सभी 13 अखाड़े भाग ले रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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