हरिद्वार। प्रसिद्व कहावत है कि जाको राखे सैइया मार सके न कोय यह कहावत गुजरात के सूरत के रहने वाले एक युवक के साथ पूरी तरह से चरितार्थ साबित हुआ। दरअसल युवक हरिद्वार घूमने आया था जब वह गोविंदपुरी रानीपुर में गंगा के गोविंद घाट पर बैठा हुआ था और अचानक बिजली चली गई गंगा घाट पर अंधेरा हो गया और अंधेरे में उसका पैर फिसल गया और गंगा के तेज बहाव में बहने लगा। हरिद्वार के खन्ना नगर के निवासी भूषण धवन ने जब युवक को डूबते हुए और हाथ ऊपर करके मदद के लिए पुकारते देखा तो भूषण धवन ने बिना वक्त गंवाए तुरंत अपनी कमीज पेंट उतार कर गंगा में कूदकर उस डूबते हुए युवक को बचा लिया और यही नहीं रात भर उसको अपने घर में रखा दिन भर उसकी सेवा सुश्रुषा की और उसे खाना पीना खिलाया और शाम को से हरिद्वार रेलवे स्टेशन में गुजरात की ट्रेन में बिठाकर उसके घर सूरत वापस भेजा। इस मानवीय कार्य के लिए जहां भूषण धवन की लोग बाग तारीफ कर रहे हैं वही सूरत गुजरात का युवक अपनी जान बचाने के लिए भूषण धवन का आभार व्यक्त कर रहा है और भूषण धवन की पत्नी और उनके घर के सदस्यों ने जिस तरह से उसको परिवार के सदस्य के रूप में अपने घर में रखा उससे भी गुजरात का यह युवक बेहद गदगद है। गुजरात के सूरत का रहने वाला 26 वर्षीय मयूर मांगूकिया एक डायमंड कटिंग कंपनी में कार्य करता है वह हरिद्वार आया था और शाम के समय जब गोविंदघाट में बैठा था तो बिजली गुल हो गई चली और थोड़ा तूफानी मोसम हो गया, रेलिंग से उसका पैर फिसला और वह गंगा में बहने लगा जब वह अग्रसेन घाट तक पहुंच गया तो पुल के ऊपर से शाम की सैर कर रहे भूषण धवन ने देखा कि कोई मदद के लिए हाथ ऊपर कर रहा है दो-तीन लड़के भी आसपास थे पर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे ।उन्होंने तुरंत अपनी कमीज उतारी और गंगा में कूदकर इस युवक को बचा लिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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