हरिद्वार। जनपद में किए जा रहे निर्माण कार्यों में अनेक अनियमिताओं के संबंध में शिकायतें प्राप्त की जाती हैं। मुख्यतः यह शिकायतें निर्माण कार्यों के गुणवत्ता, बिना निर्माण किए भुगतान, निर्माण एजेन्सियों के चयन में अनियमितता, उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के उल्लंघन से संबंधित होती है। उक्त शिकायतें अनेक पटलों पर प्राप्त कराई जाती हैं, परन्तु एक निश्चित प्रक्रिया के अभाव में अनेक शिकायतें या तो अनिस्तारित रह जाती हैं या शिकायतों का पूर्णं रूप से निस्तारण नहीं किया जाता है। अनेक अवसरों पर अक्सर दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अनावश्यक रूप से जिला मुख्यालय पर आना पड़ता है, जिससे उनका समय एवं धन दोनो अपव्यय होता है। इस संबंध में जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय द्वारा जनपद में निर्माण कार्यों से संबंधित शिकायतों को ससमय त्वरित गति से निस्तारण हेतु जनपद एवं विकास खण्ड स्तर पर समिति का गठन किया गया है। जनपद स्तर पर 1. मुख्य विकास अधिकारी,अपर जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष होंग,े 2. जिला विकास अधिकारी, 3. अधिशासी अभियंता, ग्रामीण निर्माण विभाग,लोक निर्माण विभाग4. मुख्य कोषाधिकारी सदस्य होंगे तथा एक सदस्य अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा। विकासखण्ड स्तर पर 1. उप जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे 2. कोषाधिकारी, 3. सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग (संबंधित क्षेत्र) सदस्य होंगे तथा एक सदस्य अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाएगा। जनपद एवं विकासखण्ड स्तर पर अध्यक्ष शिकायतांे का अवलोकन कर समिति में क्रमांक 03 किसी भी तकनीकी विभाग के अधिशासी,सहायक अभियंता को क्रमशः जाँच समिति में उक्त स्थान पर नामित करेंगे। समितियों के अध्यक्ष द्वारा अपने कार्यालय में उक्त कार्य के लिए एक निर्माण संबंधित शिकायतों के लिए पटल का चयन किया जाएगा। उक्त पटल पर शिकायतें प्राप्त होने पर 07 दिवस के भीतर समिति अध्यक्ष द्वारा जांच हेतु अन्य सदस्यों को स्थल निरीक्षण के आदेश दिये जाएंगे। उपरोक्त आदेश के अंतर्गत जांच समिति द्वारा 15 दिवस के अंतर्गत (आदेश दिनांक से) उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए आख्या अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। जांच समिति के निर्णय का अवलोकन कर उक्त के क्रम में संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की अनुशंसा या शिकायत निराधार पाए जाने की दशा में उपरोक्त जनपदध्विकासखण्ड स्तरीय समिति द्वारा 07 दिवस के अन्तर्गत (जांच समिति की आख्या प्राप्ति दिनांक से) शिकायतकत्र्ता व जिलाधिकारी हरिद्वार को उपलब्ध कराई जाएगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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