हरिद्वार। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि उनकी कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला, प्रबंधन और वितरण प्रणाली आज एफएमसीजी क्षेत्र में सबसे मजबूत है। क्योंकि पतंजलि आयुर्वेद नई तकनीक के माध्यम से काम करने को प्राथमिकता देता है और पिछले 2 वर्षों में से ही नई तकनीक को अपनाया हुआ है। जबकि अन्य बड़ी कंपनियां अब भविष्य में आपूर्ति श्रृंखला, प्रबंधन और वितरण के संबंध में इस तकनीक को अपनाने की सोच रही हैं। मीडिया को जारी बयान में आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि बदलते परिवेश में हर क्षेत्र में नई तकनीक की जरूरत है। लेकिन टेक्नोलॉजी के साथ हमें यह भी देखना होगा कि यह कंपनी के साथ उपभोक्ताओं के लिए भी कितना उपयोगी है। मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि और उसके उत्पाद आम उपभोक्ता तक आसानी से पहुंचें और सामान्य उपभोक्ता उत्पादों के साथ पतंजलि की आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े रहें। इस तकनीकी प्रगति के माध्यम से समूह न केवल विस्तार की ओर देखता है बल्कि इससे आम आदमी और उपभोक्ता को भी लाभ होगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भरूवा सॉल्यूशंस में भारी निवेश किया गया है जिससे आपूर्ति श्रृंखला और वितरण प्रणाली को विकसित और मजबूत किया जा सके और एक नया आयाम प्रदान किया जा सके। यह तकनीक लेखांकन से लेकर प्रचार और मूल्य प्रबंधन तक का ध्यान रखती है। आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि में भरूवा सॉल्यूशंस की स्थापना आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए की गई थी और आज यह आपूर्ति श्रृंखला, मिट्टी परीक्षण और बैकवर्ड लिंकेज के क्षेत्र में काम करती है। इसका उद्देश्य पतंजलि के उत्पादों को बड़े पैमाने पर आम उपभोक्ता तक पहुंचाना है। पतंजलि की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और खुदरा बिलिंग को मजबूत करने का काम भरुवा सॉल्यूशंस द्वारा तैयार किए गए इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है। अन्य कंपनियां अब इस तकनीक को अपना रही हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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