हरिद्वार। मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या के 38वें दिन फ्राईडेज फॉर फ्यूचर संस्था के सदस्यों ने अपना समर्थन दिया। उन्होंने गंगा रक्षा बचाने के लिए लोगों से आगे आने की अपील भी की है। फ्राइडेस फॉर फ्यूचर की हरिद्वार में सदस्य चाइल्ड एक्टिविस्ट रिद्धिमा पाण्डे अपने ग्रुप के साथ शुक्रवार 24 सितंबर को मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद जी की तपस्या के 38वे दिन समर्थन देने पहुंची। उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि गंगा में खनन हो रहा है, पर्यावरण खराब हो रहा है। फिर भी कुछ नही करते। सरकार बहुत सारे प्रोजेक्ट करती है, जैसे नमामि गंगे इत्यादि, गंगा के लिए बहुत पैसे खर्च किये जाते हैं फिर भी गंगा वैसी ही रहती है। किंतु जब कोरोना काल में कुछ नही किया गया तो गंगा साफ होने लगी। अविरल प्रोजेक्ट के प्रणव नारंग ने बताया कि जाने अनजाने हम बहुत सारा प्लास्टिक गंगा में फेंक देते हैं। मोनाली ने दुखी होते हुए बताया कि किस प्रकार उसके पिता को ऑक्सिजन की कमी के कारण जीवन से हाथ धोना पड़ा। साध्वी पद्मावती ने कहा कि गंगा नहीं तो भारततवर्ष भी नही बचेगा। उन्होंने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या को समर्थन दे। शुभ पांडे ने सिंगापुर में पर्यावरण को बचाते हुए कैसे वेस्ट मैनेजमेंट किया जाता है, इस बारे में जानकारी दी। पल्लवी ने कहा कि रोड बनाने के लिए बड़े बड़े पेड़ काट देते हैं और पर्यावरण को नष्ट करते हैं। बड़े पेड़ काट कर छोटे पौधे लगा कर कर्तव्य पालन कर लेते हैं, देखभाल नही करते। इस तरह से सिर्फ ऊपरी तौर से पर्यावरण संरक्षण नही हो सकता। उड़ीसा की श्रेया ने कहा कि दूर दूर से गंगा को माँ मानते हुए लोग आते हैं और गंगा को दूषित कर जाते हैं। नमन ने कहा कि जब गंगा को अपनी मां मानते हैं तो उसकी परवाह भी करनी चाहिए। महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष अंजू मिश्रा, वार्ड अध्यक्ष सूचि चेरी और रचना शर्मा, आई आई टी कानपुर के मनीष, डॉ वैभवी, आकाश ऋतुराज, अविरल प्रोजेक्ट वेस्ट मैनेजमेंट से सुलगना, गौरव उपस्थित रहे। कार्यक्रम वर्षा वर्मा द्वारा संचालित किया गया।
हरिद्वार। मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या के 38वें दिन फ्राईडेज फॉर फ्यूचर संस्था के सदस्यों ने अपना समर्थन दिया। उन्होंने गंगा रक्षा बचाने के लिए लोगों से आगे आने की अपील भी की है। फ्राइडेस फॉर फ्यूचर की हरिद्वार में सदस्य चाइल्ड एक्टिविस्ट रिद्धिमा पाण्डे अपने ग्रुप के साथ शुक्रवार 24 सितंबर को मातृ सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद जी की तपस्या के 38वे दिन समर्थन देने पहुंची। उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि गंगा में खनन हो रहा है, पर्यावरण खराब हो रहा है। फिर भी कुछ नही करते। सरकार बहुत सारे प्रोजेक्ट करती है, जैसे नमामि गंगे इत्यादि, गंगा के लिए बहुत पैसे खर्च किये जाते हैं फिर भी गंगा वैसी ही रहती है। किंतु जब कोरोना काल में कुछ नही किया गया तो गंगा साफ होने लगी। अविरल प्रोजेक्ट के प्रणव नारंग ने बताया कि जाने अनजाने हम बहुत सारा प्लास्टिक गंगा में फेंक देते हैं। मोनाली ने दुखी होते हुए बताया कि किस प्रकार उसके पिता को ऑक्सिजन की कमी के कारण जीवन से हाथ धोना पड़ा। साध्वी पद्मावती ने कहा कि गंगा नहीं तो भारततवर्ष भी नही बचेगा। उन्होंने ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या को समर्थन दे। शुभ पांडे ने सिंगापुर में पर्यावरण को बचाते हुए कैसे वेस्ट मैनेजमेंट किया जाता है, इस बारे में जानकारी दी। पल्लवी ने कहा कि रोड बनाने के लिए बड़े बड़े पेड़ काट देते हैं और पर्यावरण को नष्ट करते हैं। बड़े पेड़ काट कर छोटे पौधे लगा कर कर्तव्य पालन कर लेते हैं, देखभाल नही करते। इस तरह से सिर्फ ऊपरी तौर से पर्यावरण संरक्षण नही हो सकता। उड़ीसा की श्रेया ने कहा कि दूर दूर से गंगा को माँ मानते हुए लोग आते हैं और गंगा को दूषित कर जाते हैं। नमन ने कहा कि जब गंगा को अपनी मां मानते हैं तो उसकी परवाह भी करनी चाहिए। महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष अंजू मिश्रा, वार्ड अध्यक्ष सूचि चेरी और रचना शर्मा, आई आई टी कानपुर के मनीष, डॉ वैभवी, आकाश ऋतुराज, अविरल प्रोजेक्ट वेस्ट मैनेजमेंट से सुलगना, गौरव उपस्थित रहे। कार्यक्रम वर्षा वर्मा द्वारा संचालित किया गया।
Comments
Post a Comment