हरिद्वार। श्री रामलीला रंगमंच मायापुर में कुंभकरण और मेघनाथ वध की लीला का मंचन किया गया। कुंभकरण के रोल में रंगमंच के बेहतरीन कलाकार जिन्होंने पूर्व में भयंकर राक्षसी ताड़का का भी अभिनय किया था और दर्शकों में डर का माहौल पैदा किया था। आज कुंभकरण के विराट रूप में रंगमंच के कलाकार मुकेश मनोचा ने अपने अभिनय से रंगमंच पर आए सभी राम भक्तों को प्रभावित किया तथा बड़ी-बड़ी जलेबियां और बड़े-बड़े समोसे, मट्ठी कुंभकरण को जगाने के पश्चात खाने के रूप में दी गई जिसको उसने दर्शकों के बीच में जाकर प्रसाद की तरह वितरण किया और उनकी संवाद देखते ही बनते थे। उन्होंने रावण को बहुत समझाया कि सीता मां लक्ष्मी का अवतार है और वह दोनों वनवासी कोई साधारण नर नहीं है जिन्होंने खर दूषण जैसे बलशाली को भी मार गिराया वह निश्चित ही नारायण के अवतार हैं। भगवान राम और कुंभकरण के बीच भीषण युद्ध हुआ और कुंभकरण मारा गया। मेघनाथ के रूप में रंगमंच का कलाकार बॉबी सैनी ने भी बहुत ही शानदार अभिनय करते हुए लक्ष्मण और मेघनाथ का युद्ध हुआ उसमें मेघनाथ भी मारा गया। भगवान श्रीराम के रूप में जयंत गोस्वामी, लक्ष्मण जी के रूप में वरुण गोस्वामी, कुंभकरण के रूप में मुकेश मनोचा, मेघनाथ के रूप में बॉबी सैनी, विभीषण के रूप में हर्षित शर्मा, रावण के रूप में धीरज शर्मा, वीर बजरंगी हनुमान जी के रूप में मंच के डायरेक्टर गौरव कालरा, सुग्रीव के रूप में विपिन अग्रवाल एवं राक्षस दल और रामा दल में सुंदर-सुंदर बच्चों ने मेकअप कराकर अपने डायलॉग से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और दर्शकों ने बच्चों के अभिनय को देखकर तालियों से स्वागत किया। रंगमंच के संचालक राजू मनोचा ने बताया कि रंगमंच के अध्यक्ष पवन अग्रवाल के नेतृत्व में नगर निगम हरिद्वार में होने वाले विजय दशमी महोत्सव को कोरोना महामारी देखते हुए रद्द कर दिया गया है तथा रंगमंच के पंडाल में सांकेतिक रूप से रावण और मेघनाथ कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाएगा। इस अवसर पर रंगमंच के वरिष्ठ पदाधिकारी चोखे लाल ने 6 पात्रों को विशेष पुरस्कार भी वितरण किए जिसमें रंगमंच के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने भी सहयोग किया।
हरिद्वार। श्री रामलीला रंगमंच मायापुर में कुंभकरण और मेघनाथ वध की लीला का मंचन किया गया। कुंभकरण के रोल में रंगमंच के बेहतरीन कलाकार जिन्होंने पूर्व में भयंकर राक्षसी ताड़का का भी अभिनय किया था और दर्शकों में डर का माहौल पैदा किया था। आज कुंभकरण के विराट रूप में रंगमंच के कलाकार मुकेश मनोचा ने अपने अभिनय से रंगमंच पर आए सभी राम भक्तों को प्रभावित किया तथा बड़ी-बड़ी जलेबियां और बड़े-बड़े समोसे, मट्ठी कुंभकरण को जगाने के पश्चात खाने के रूप में दी गई जिसको उसने दर्शकों के बीच में जाकर प्रसाद की तरह वितरण किया और उनकी संवाद देखते ही बनते थे। उन्होंने रावण को बहुत समझाया कि सीता मां लक्ष्मी का अवतार है और वह दोनों वनवासी कोई साधारण नर नहीं है जिन्होंने खर दूषण जैसे बलशाली को भी मार गिराया वह निश्चित ही नारायण के अवतार हैं। भगवान राम और कुंभकरण के बीच भीषण युद्ध हुआ और कुंभकरण मारा गया। मेघनाथ के रूप में रंगमंच का कलाकार बॉबी सैनी ने भी बहुत ही शानदार अभिनय करते हुए लक्ष्मण और मेघनाथ का युद्ध हुआ उसमें मेघनाथ भी मारा गया। भगवान श्रीराम के रूप में जयंत गोस्वामी, लक्ष्मण जी के रूप में वरुण गोस्वामी, कुंभकरण के रूप में मुकेश मनोचा, मेघनाथ के रूप में बॉबी सैनी, विभीषण के रूप में हर्षित शर्मा, रावण के रूप में धीरज शर्मा, वीर बजरंगी हनुमान जी के रूप में मंच के डायरेक्टर गौरव कालरा, सुग्रीव के रूप में विपिन अग्रवाल एवं राक्षस दल और रामा दल में सुंदर-सुंदर बच्चों ने मेकअप कराकर अपने डायलॉग से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और दर्शकों ने बच्चों के अभिनय को देखकर तालियों से स्वागत किया। रंगमंच के संचालक राजू मनोचा ने बताया कि रंगमंच के अध्यक्ष पवन अग्रवाल के नेतृत्व में नगर निगम हरिद्वार में होने वाले विजय दशमी महोत्सव को कोरोना महामारी देखते हुए रद्द कर दिया गया है तथा रंगमंच के पंडाल में सांकेतिक रूप से रावण और मेघनाथ कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाएगा। इस अवसर पर रंगमंच के वरिष्ठ पदाधिकारी चोखे लाल ने 6 पात्रों को विशेष पुरस्कार भी वितरण किए जिसमें रंगमंच के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने भी सहयोग किया।
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