हरिद्वार। किशोरी से दुष्कर्म करने के मामले में अपर जिला जज,एफटीएससी पारूल गैरोला ने आरोपी युवक को दोषी पाया है। विशेष कोर्ट ने आरोपी युवक को 20 वर्ष कठोर कैद और 55 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी युवक को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना श्यामपुर क्षेत्र अंतर्गत सपेरा बस्ती निवासी अंकुर पुत्र नरेश के विरुद्ध पीड़िता की मां ने थाना श्यामपुर में अपनी लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी पुलिस ने अंकुर के कब्जे से पीड़िता को बरामद किया था पीड़िता ने बताया था कि उसके साथ अंकुर ने दुष्कर्म किया है, घटना के समर्थन में न्यायालय में 6 कवर प्रस्तुत किए गए थे, जबकि बचाव में कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया था। शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चैहान ने बताया कि 20 जनवरी 2020 में श्यामपुर क्षेत्र से 15 वर्षीय किशोरी लापता हो गई थी। काफी खोजबीन के बाद परिजनों ने अंकुर पुत्र नरेश नाथ निवासी सपेरा बस्ती,चंडीघाट माजरा थाना श्यामपुर के खिलाफ किशोरी को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने का आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। छानबीन के बाद पुलिस ने पीड़िता को आरोपी युवक के कब्जे से बरामद किया था। पीड़ित किशोरी ने आरोपी युवक पर उसे बहला फुसलाकर ले जाने व कई बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जिससे पीड़ित किशोरी गर्भवती हो गई थी। उसने एक बच्चे को जन्म भी दिया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण व दुष्कर्म की धाराओं में न्यायालय में आरोपपत्र पेश किया था। सरकारी अधिवक्ता ने साक्ष्य में सात गवाह पेश किए। अपर जिला जज ,एफटीएससी पारुल गैरोला ने पीड़िता को प्राप्त अर्थदंड राशि में से प्रतिकर राशि के रूप में 50 हजार रुपये देने के आदेश दिए हैं। साथ ही न्यायालय के निर्णय की एक कॉपी स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजकर निर्भया फंड से उचित प्रतिकर धनराशि दिलाने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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