हरिद्वार। गंगा की अविरलता एवं पर्यावरण संरक्षण की लड़ाई लड़ने वाले मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने नई खनन नीति को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद पर निशाना साधा है। उन्होंने स्वामी यतीश्वरानंद की संपत्ति की जांच की मांग की है। शिवानंद ने कहा कि इस मामले को लेकर वे प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं। शनिवार को मातृसदन में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार खनन माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव कर रही है। पहले गंगा नदी से 5 किलोमीटर की दूरी तक खनन पर प्रतिबंध था। जिसे घटाकर 3 किलोमीटर किया गया। फिर डेढ़ किलोमीटर और अब प्रतिबंध महज एक किमी रह गया है। इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। इसे मातृसदन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। चेतावनी दी कि सरकार ने गंगा पर पूरी तरह से खनन प्रतिबंध और पांच किलोमीटर के दायरे से स्टोन क्रशरों को दूर करने का नियम नहीं बनाया तो मातृसदन तप करेगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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