हरिद्वार। जल संस्थान अनुरक्षण इकाई (गंगा) के नियमित फील्ड कर्मचारियों ने सोमवार को कार्यालय में तालाबंदी कर धरना दिया। कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने पर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। बाद में अधिकारियों के आश्वासन पर धरना स्थगित कर दिया गया। सोमवार को जल निगम-जल संस्थान मजदूर यूनियन के बैनर तले नियमित फील्ड कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का निराकरण न होने पर जगजीतपुर स्थित जल संस्थान अनुरक्षण शाखा (गंगा) के अधिशासी अभियंता कार्यालय प्रांगण में 14 वें दिन भी धरना दिया गया। अध्यक्ष अवनीश कुमार शर्मा ने कहा कि मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर आदेश बहाल नहीं होने, शीतकालीन वर्दी की सुविधा नहीं मिलने पर कार्यालय की तालाबंदी की गई। रमेश दत्त शर्मा ने बताया कि मुख्य द्वार की तालाबंदी कार्यक्रम की सूचना पर अधिशासी अभियंता ने पहुंचकर सचिव प्रशासन से दूरभाष पर पदाधिकारियों की वार्ता कराई। सभी बिंदुओं पर जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया गया है। जिसके बाद अनिश्चितकालीन धरने को स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष चैधरी नरेशपाल, संरक्षक स्वतंत्र पाल सिंह, रामधर बाबू कुशवाहा, रमेश दत्त शर्मा, बुद्धिराम शर्मा आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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