हरिद्वार। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम में सिक्ख समाज के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहब के आगे माथा टेका। गुरप्रीत सिंह ने कथा कीर्तन सुनाकर लोगों को निहाल किया। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह की जीवनी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खालसा पंथ के संस्थापक दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह को एक महान स्वतंत्रता सेनानी, कवि, त्याग और वीरता की मूर्ति भी माना जाता है। इस अवसर पर निर्मल संतपुरा के अध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने देश व कौम के लिए अपना पूरा परिवार बलिदान कर दिया। उन्होंने सिख धर्म को एक नई दिशा दी। उन्होंने सभी जातियों के भेद-भाव को समाप्त करके समानता स्थापित की और उनमें आत्म-सम्मान की भावना भी पैदा की। उनके बताए मार्ग पर चलकर मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है। इस अवसर पर संत तरलोचन सिंह,बलजिंदर सिंह, प्रेम सिंह, संत श्याम सुंदर सिंह, अजीत सिंह, रविंदर सिंह, जसविंदर सिंह,उज्जल सिंह, इंद्रजीत सिंह, कुलदीप सिंह, हरविंदर सिंह, टेक सिंह, हरसिमरत कौर, मनजीत कौर, हरभजन सिंह, निर्मल कौर आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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