हरिद्वार। महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानन्द ब्रह्मचारी महाराज का 12वां सन्यास दीक्षा दिवस सन्यास रोड़ कनखल स्थित रामेश्वर आश्रम में कोरोना गाइडलाईन का पालन करते हुए श्रद्धालुजनों की उपस्थित में मनाया गया। सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने स्वामी रामेश्वरान्द महाराज को सन्यास दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों के साथ हवन यज्ञ कर राष्ट्र कल्याण की कामना करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि सदैव परमार्थ के लिए समर्पित रहने वाले वाले संतों ने हमेशा समाज का मार्गदर्शन कर नई दिशा प्रदान की। श्रद्धालु भक्तों को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि संत महापुरूषों ने विश्व में सनातन धर्म संस्कृति का जो अदभ्त स्वरूप प्रदर्शित किया है। उससे प्रभावित होकर पूरी दुनिया सनातन धर्म व अध्यात्म को अपना रही है। युवा पीढ़ी को पाश्चात्य संस्कृति का त्यागकर सनातन संस्कृति को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिव स्वरूप संतों के सानिध्य में ही भक्तों का कल्याण होता है। संत महापुरूषों के सानिध्य में भारत जल्द ही विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा। भक्तों को कोरोना महामारी के प्रति जागरूक करते हुए स्वामी रामेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया महामारी से पीड़ित है। महामारी के इस दौर में संत महापुरूषों ने समाज के गरीब, असहाय वर्ग की सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई। जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के साथ निराश्रितों को आश्रय प्रदान किया। विधायक प्रतिनिधि भाजपा नेता अनिल पुरी ने कहा कि स्वामी रामेश्वरानन्द ब्रह्मचारी महाराज को सन्यास दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सनातन संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में स्वामी रामेश्वरानन्द ब्रह्मचारी का विशेष योगदान है।
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