हरिद्वार। गुरु गोविंद सिंह महाराज के प्रकाशोत्सव के अवसर पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में संतों ने शबद कीर्तन और अरदास कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज जहां विश्व की बलिदानी परंपरा में अद्वितीय थे। वहीं वह भक्ति तथा शक्ति के अद्भुत संगम थे। जिन्होंने सदैव समाज को प्रेम, एकता, भाईचारे का संदेश दिया और सनातन धर्म की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज त्याग और वीरता की अद्भुत मिसाल थे और महान दार्शनिक योद्धा थे। गुरु गोविंद सिंह एक महान संत सिपाही थे। जिन्होंने सिक्ख पंथ को एक नया रूप दिया। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। महंत अमनदीप सिंह एवं ज्ञानी महंत खेम सिंह महाराज ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में महापुरुषों का योगदान विश्व विख्यात है। गुरु गोविंद सिंह महाराज ने धर्म के लिए समस्त परिवार का बलिदान दिया और समाज को निडरता का संदेश दिया। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संत धर्म के संरक्षण संवर्धन में योगदान प्रदान करते चले आ रहे हैं। युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म और संस्कृति के प्रति जागृत करना ही निर्मल अखाड़े का परम कर्तव्य है। सभी को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अपनी सहभागिता निभानी चाहिए।
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