हरिद्वार। श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि सरकारें और पुलिस प्रशासन सनातन धर्मावलम्बियों के धैर्य की परीक्षा लेने का दुःसाहस करने की भूल न करें। इसी में इनकी भलाई है। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा है कि सनातनियों के कोपभाजन के ज्वालामुखी का क्या भयंकर परिणाम हो सकता है। एक बार इसकी कल्पना कर लें। शंकराचार्य ने कहा कि उस समय ये सरकार और प्रशासन कहा रहता है जब जेहादी सरेआम धमकी देते नजर आते हैं। कहा कि आत्मरक्षा का अधिकार हर नागरिक को देश का संविधान देता है। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है, इसलिए सरकार और पुलिस प्रशासन ससम्मान उन्हें अविलम्ब रिहाकर सनातन धर्मावलम्बियों से क्षमा मांगें। 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में हुई धर्मसंसद के झूठे केस में आज जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पूर्व नाम वसीम रिजवी की अवैध गिरफ्तारी के विरोध में सभी अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर जितेंद्र त्यागी की अवैध गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उनके केस में निःशुल्क पैरवी करने की घोषणा की। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्री सुधीर त्यागी जी ने कहा कि जितेंद्र त्यागी जी को बेल तुरंत मिलनी चाहिए। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सहित अधिवक्ता विजय उपाध्याय, अधिवक्ता राकेश राजपूत,अधिवक्ता अलका मेहता, अधिवक्ता बबली, अधिवक्ता आकाश, अधिवक्ता आलोक राजपूत सहित और काफी लोग मौजूद रहे।
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