हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी के अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग ने प्रश्नगत बीमा पॉलिसी राशि एक लाख रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति और शिकायत खर्च के रूप में 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। रामजानकी आश्रम ब्रह्मपुरी निवासी शिकायतकर्ता रघुनन्दन पुत्र बलराम सिंह ने स्थानीय प्रबन्धक, भारतीय जीवन बीमा निगम रानीपुर मोड़ व रीजनल मैनेजर नेहरू नगर देहरादून के खिलाफ एक शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 15 नवम्बर 1988 में उसकी पत्नी राजवंती देवी ने बीमा कंपनी से एक लाख रुपये की बीमा पॉलिसी कराई थी। उसकी पत्नी ने बीमा पॉलिसी कराते हुए उसे नॉमिनी बनाया था। अप्रैल 2011 में उसकी पत्नी राजवंती देवी का घर पर पैर फिसलकर सिर में चोट लगने से मृत्यु हो गई थी। जिस पर उसके बड़े पुत्र ने शिकायतकर्ता के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जहां पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। इसके बाद सेशन कोर्ट ने उसे दोषमुक्त करार दिया था। जिसपर शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी में क्लेम आवेदन प्रस्तुत किया था। जहां बीमा कंपनी ने केस से संबंधित कागजात व अन्य प्रपत्र मांगे थे। शिकायतकर्ता ने स्थानीय प्रबन्धक को सभी कागजात दे दिए थे। लेकिन इसके बाद भी बीमा कंपनी ने उसे क्लेम राशि नहीं दी थी। शिकायतकर्ता अपने अधिवक्ता के साथ कम्पनी के रीजनल मैनेजर से मिला, जिन्होंने बताया कि स्थानीय प्रबन्धक ने पॉलिसी की आईआर रिपोर्ट नहीं भेजी। लेकिन स्थानीय प्रबन्धक व रीजनल मैनेजर को रिमाइंडर व व्यक्तिगत आग्रह करने के बाद भी आईआर रिपोर्ट नहीं भेजी गई थी। शिकायतकर्ता ने दोनों के खिलाफ आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन व सदस्यों ने मोबाइल बीमा कंपनी के स्थानीय प्रबन्धक व रीजनल मैनेजर को उपभोक्ता सेवा में दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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