हरिद्वार। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने देश-विदेश के लोगों से कम से कम एक पौधा अपने आंगन, बगीचे में रोपने की अपील की। रविवार को शांतिकुंज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि धरती हमारा एकलौता घर है। इस समय धरती हमें पुकार रही है कि कोई मुझे स्वस्थ रहने में सहयोग दे। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार ने अब तक तीन करोड़ से अधिक पौधे रोपे हैं। गायत्री परिवार द्वारा तीन सौ पहाड़ियों को हरा भरा किया जा चुका है। 108 श्रीराम सरोवर का निर्माण,101 त्रिवेणी तथा 24 नदियों में वृहत स्तर पर कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि गुरुपूर्णिमा से कृष्णजन्माष्टमी तक पौधारोपण का महाभियान चलाया जायेगा। देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि माता पृथ्वी पुकार रही है, जिस तरह पेड़ों को काटकर तुमने मेरा दोहन किया है, यदि तुम अब नहीं चेते, तो तुम्हारे बच्चे आने वाले समय में स्वस्थ नहीं रह पायेंगे। इस अवसर पर उन्होंने वैदिक मंत्रों के बीच विभिन्न पौधों का पूजन किया गया। छत्तीसगढ़, ओडिशा, गुजरात, दिल्ली, उत्तराखण्ड, उप्र, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्र, अरुणांचल प्रदेश आदि राज्यों से आये तरु मिलन-तरु वरण तथा वृक्षगंगा अभियान के सक्रिय सदस्यों को सीता अशोक, पीपल, आंवला आदि के पौधे भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन रचनात्मक प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने किया।टीवी कलाकार एवं प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण के लक्ष्मण यानि सुनील लहरी देवसंस्कृति विवि पहुंचे। उन्होंने देसंविवि में स्थापित एशिया के प्रथम बाल्टिक सेंटर के निकट सीता अशोक का पौधा रोपा। उन्होंने डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी से भेंट कर मार्गदर्शन प्राप्त किया।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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