ट्रस्टी अनिल शर्मा ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
हरिद्वार। सामाजिक कार्यकर्ता जेपी बडोनी ने मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश पर गठित प्रशासनिक समिति भी अपने उत्तरदायित्व को नहीं निभा रही है। मंदिर से होने वाली आय का ट्रस्ट से जुड़े लोग अपने प्रचार प्रसार में उपयोग कर रहे हैं। बुधवार को प्रेस क्लब मे पत्रकारो से वार्ता करते हुए श्री बड़ोनी ने कहा कि उन्हें संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में कई बार पत्राचार किया और शिकायत भी दर्ज करायी। लेकिन अधिकारी प्रकरण को हाई प्रोफाईल बताते हुए जांच जारी होने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं। माॅ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट को लेकर आरोप लगाया कि बिना वित्त नियंत्रक की अनुमति के लाखों करोड़ों रुपये ट्रस्ट के खाते से निकाले गए हैं। उन्होंने ट्रस्ट की मान्यता को लेकर भी सवाल खड़े किए। कहा कि 2012 में कोर्ट ने मंदिर को लेकर जिलाधिकारी को वित्त नियंत्रक बनाया था। आरोप लगाया कि बिना वित्त नियंत्रक की सहमति से लाखों रुपये निकाले गए हैं। बडोनी ने कहा कि मंदिर 1902 में एक महिला साध्वी के नाम था। जिस पर 1962 में ट्रस्ट बनाया गया और इसके बाद ट्रस्ट का रिन्यूअल नहीं कराया गया। आरोप लगाया कि ट्रस्ट की मान्यता समाप्त हो चुकी है। बीते दिनों पहले ही ट्रस्ट को लेकर एक मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। जब मंदिर से जुड़े लोगों ने फर्जी ट्रस्ट बना लिया था। दूसरी और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल शर्मा ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। पत्रकारों से बात करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि पिछले 15 साल से आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन आरोप लगाने वाले आज तक किसी आरोप को सिद्ध नहीं कर पाए हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी की छवि को धूमिल करने व ट्रस्ट पर कब्जा करने की नीयत से झूठे आरोप लगाकर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।
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