हरिद्वार। कनखल क्षेत्र के एक एम्बुलेंस स्वामी ने एक धर्मार्थ अस्पताल के डॉक्टर और उसके परिचितों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। एम्बुलेंस स्वामी दीपक धीमान पुत्र स्वर्गीय राकेश कुमार निवासी शेखुपुरा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि बीस जून को एक अस्पताल के डॉक्टर अश्वनी चैहान ने मरीज को ले जाने के लिए संपर्क साधा था। वह मरीज को लेकर जौलीग्रांट अस्पताल पहुंचा था लेकिन आईसीयू न मिलने के कारण वह मरीज के परिजन दूसरे अस्पताल ले गए थे। जहां वह मरीज को छोड़कर वापस आ गया था। आरोप है कि मंगलवार को डॉक्टर अश्वनी चैहान ने उसे एवं एम्बुलेंस के चालक को अस्पताल बुलाया, जिसके बाद उसने चालक को अस्पताल भेज दिया। आरोप है कि डॉक्टर ने अपने परिचितों के साथ मिलकर चालक को कमरे में कैद कर लिया। यह जानकारी मिलने पर जब वह अस्पताल पहुंचा, तब डॉक्टर ने मरीज को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराने की बात पर उसे भला बुरा कहा और अपने साथी डीवी सिंह, आशीष सैनी, सुधीर कुमार वं अन्य तीन-चार लोगों के साथ मिलकर उसके साथ गाली गलौच करते हुए मारपीट कर दी। प्रभारी निरीक्षक मुकेश चैहान ने बताया कि इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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