हरिद्वार। गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज में अपने परिवेश को स्वच्छ कैसे बनाएँ विषय पर शनिवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता में कक्षा दस की छात्रा कु.प्रियंका जोशी को प्रथम स्थान मिला, तो वहीं कक्षा सात की दिव्या पाण्डे को द्वितीय, कक्षा दस की छात्रा निर्दोषा गर्ग को तृतीय स्थान मिला। वैष्णवी द्वारा प्रस्तुत भाषण को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। यह आयोजन उज्ज्वल हरिद्वार अभियान के तत्वावधान में आयोजित किया गया था।अपने सन्देश मे गायत्री विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने विद्यार्थियों को प्रकृति से जुड़कर रहने के लिए प्रेरित किया। हरिद्वार नगरनिगम के ग्रीन मैन श्री विजय पाल सिंह बघेल ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अपने अपने जन्म दिन पर एक एक पौधा अवश्य रोपना चाहिए। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण से बचने के लिए पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया। प्रधानाचार्य सीताराम सिन्हा ने युग निर्माण आंदोलन के अंतर्गत चलने वाली स्वच्छता अभियान एवं निर्मल गंगा जल अभियान के विषय पर जानकारी दी। इस अवसर पर गायत्री विद्यापीठ के समस्त शिक्षकगण के अलावा रंजित सिंह,विनय कुमार, निमीश आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment