हरिद्वार। क्रिकेट एशोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के सचिव महिम वर्मा के ऊपर लगाये गये उत्तराखंड क्रिकेट टीम के पूर्व कोच वसीम जाफर के आरोपांे को जिला हरिद्वार क्रिकेट एसो. ने पूरी तरह नकारा है। जिला हरिद्वार क्रिकेट एसो. के सचिव इन्द्रमोहन बड़थ्वाल व सहसचिव कुलदीप असवाल ने बताया कि वसीम जाफर जैसा बल्लेबाज को उत्तराखंड क्रिकेट टीम का कोच बनाकर, ये हमारे लिये गर्व की बात रही, लेकिन उनको उत्तराखंड क्रिकेट टीम का कोच बनाने वाले भी पूर्व उपाध्यक्ष बीसीसीआई व क्रिकेट एसोसियेशन आफ उत्तराखंड के सचिव महिम वर्मा ही है। जिला हरिद्वार क्रिकेट एसो. के पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड क्रिकेट में महिम वर्मा और उनके परिवार का योगदान को कोई नही भूल सकता। महिम वर्मा का उत्तराखंड क्रिकेट की जो योजना है वह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने खुद ही आने वाले वर्षों में ट्रायल की प्रक्रियाओं को बंद करके क्लब क्रिकेट की शुरू करने का प्लान बना रखा है जो कि अन्तिम अवस्था में है जिसकी प्रक्रिया पूरे उत्तराखंड में चल रही है इस प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में क्लब/एकेडमी/स्कूल/कॉलेज का पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है। पंजीकृत क्लबों के ही जिला क्रिकेट लीग प्रतियोगिताएं जिलों में आयोजित होंगी और प्रदर्शन के आधार पर ही खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा और आने वाले समय में जिला क्रिकेट लीग मंे खिलाड़ियों को प्रतिभाग कर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद अंतर्जनपदीय क्रिकेट लीग में खेलने का मौका मिलेगा। इसके बाद श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का ही राज्य स्तर की क्रिकेट टीम का चयन होगा। प्रदर्शन के आधार पर ही जिला, राज्य और उत्तराखंड की टीमों का चयन किया जाना है। यह बात समझ नहीं आती की महिम वर्मा के ऊपर कुछ लोग आरोप उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और गलत है। महिम वर्मा का उत्तराखंड के क्रिकेट के विकास की जो योजना या विजन है वह काबिले तारीफ है और निश्चित ही उसके परिणाम हम सभी को भविष्य में देखने को मिलेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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