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महाशिवरात्रि पर शिवालयों में जलाभिषेक को उमड़े श्रद्वालु, चैबंद रही सुरक्षा व्यवस्था

 हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास के सथ मनाया गया। श्रद्धालु भक्तों ने शिवालयों में जलाभिषेक किया और परिवार के लिए मंगलकामना की। महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए सवेरे से ही बिल्केश्वर महादेव,दक्ष महादेव,नीलेश्वर महादेव,दरिद्र भंजन,दुख भंजन,तिल भांडेश्वर आदि पौराणिक शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ रही है। भक्तों ने शिव लिंग पर विल्व पत्र अर्पित किए और गंगा जल,दूध,दही,शहद, घी आदि पंचामृत से महादेव का अभिषेक किया। पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिरों में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। भीड़ नियंत्रण और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की तैनाती की गयी थी। जलाभिषेक करने वालों में महिलाओं संख्या सर्वाधिक होती है। इसके दृष्टिगत महिला पुलिस की तैनाती भी गयी थी। आम भक्तों के साथ हरिद्वार के प्रमुख संतों ने भी महादेव शिव का जलाभिषेक किया और सभी के लिए मंगलकामना की। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कनखल स्थित पौराणिक शिवालय दक्ष महोदव मंदिर में जलाभिषेक किया। इस दौरान जलाभिषेक करने आए भक्तों को आशीवर्चन प्

इएमए ने किया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

 हरिद्वार। इएमए के प्रदेश कार्यालय कैम्पस राजकीय इंटर कालेज के सामने शिमला बाईपास रोड मेहूवाला माफी देहरादून में इएमए इंडिया तथा बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर हरिद्वार के सौजन्य से एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। शिविर का शुभारंभ इएमए इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश संयोजक डा.केपीएस चैहान ने फीता काट कर किया। इस अवसर पर डा.चैहान ने कहा कि निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं चिकित्सा शिविरो के माध्यम से रोगी सेवा ही समाज की सबसे बड़ी सेवा है। स्वास्थ्य जांच शिविर में 172 रोगियों के सम्पूर्ण शरीर की जांच विदेशी एडवांस टेक्नोलॉजी मशीन के द्वारा आइरिस एनालाइसिस के माध्यम से निःशुल्क की गई। शिविर में जांच के दौरान लीवर,गुर्दा,पित्ताशय ,आंत्र से सम्बंधित रोग,ब्लड प्रेशर,ब्लड शुगर,कोलेस्ट्रॉल,न्युट्रीशनल डैफिसिएंसी, हार्मोनल इम्बै लेंसी,एनीमिया,पथरी,रसोली,टयूमर,रेस्पाइरेटरी डिसआॅडर के रोगी अधिकता में पाये गये। स्वास्थ्य जांच शिविर में आइरिडोलोजिस्ट डा.वीएल अल्खनिया,एनएस ताकुली,डा.ऋचा आर्य,

किसी की बुराइयां ना देखते हुए अच्छाई को ग्रहण करना चाहिए

 हरिद्वार। कनखल स्थित श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवेद दिन भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने सुदामा चरित्र का श्रवण कराते हुए बताया कि जो ब्राह्मण वेद विद्या में पारंगत है एवं जिसके मन में संतोष है। स्वयं भगवान उसकी सहायता करते हैं। परम संतोषी सुदामा का चरित्र श्रीमद्भागवत महापुराण में श्रवण करने योग्य है। पढ़ना,पढ़ाना,यज्ञ करना,यज्ञ करवाना,दान लेना एवं दान देना यह 6कर्म ब्राह्मण के बताए गए हैं। सुदामा अपने कर्मों को करते हैं। परंतु प्रारब्ध के कारण सुदामा को कुछ भी प्राप्त नहीं हो पाता। परंतु जब सुदामा की पत्नी ने उन्हें द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के पास भेजा तो स्वयं द्वारकाधीश ने सुदामा के चरण धोकर उन्हें अपने आसन पर बिठाया और सुदामा को तीनों लोक की संपत्ति दे दी। शास्त्री ने बताया कि इस कथा से प्रेरणा मिलती है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण संत ब्रह्म भक्तों का सम्मान करते हैं। जो लोग अपने आप को भगवान के भक्त कहते हैं। वह भक्त कहलाने के अधिकारी तभी होंगे। जब संत ब्रह्म भक्तों का सम्मान करेंगे। आज देखने को मिलता है कि अपने आप को तो लोग भक्त कहते हैं।

भगवान नेमीनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव पर जैन समाज ने निकाली घट कलश यात्रा

  हरिद्वार। श्री दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर कनखल में 10 से 15 फरवरी तक आयोजित किए जा रहे भगवान श्री नेमीनाथ का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का शुभारम्भ श्री अहिंसा दिगम्बर जैन मन्दिर ललतारो पुल से घटकलश यात्रा के साथ हुआ। घट कलश यात्रा का शुभारम्भ मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने किया। बैंड बाजों एवं सुंदर झांकियों के साथ घटकलश यात्रा अहिंसा मन्दिर से शुरू होकर हरिद्वार नगर भ्रमण करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी पहाडी बाजार कनखल में सम्पन्न हुई। घट कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल हुई। इस अवसर पर मन्दिर के महामंत्री आदेश कुमार जैन ने कहा कि हरिद्वार नगरी में जैन समाज का यह अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। जिसमें विशेष मन्त्रों द्वारा धार्मिक अनुष्ठान व हवन किये जायेगें। जिससे एक दिव्य उर्जा उत्पन्न होगीं। एकम्स परिवार के संदीप जैन व अर्चना जैन ने मंगल गीत के साथ पंडाल में ध्वजारोहण किया। आयोजन के मुख्य संयोजक बालेश चन्द जैन,अध्यक्ष अजय कुमार जैन, महामंत्री आदेश कुमार जैन एडवोकेट,संयोजक सतीश जैन,विजय जैन,संदीप कुमार जैन,संरक्

संत आसाराम बापू को तत्काल रिहा करने की मांग

 हरिद्वार। बापू आसाराम आश्रम हरिपुर में विशाल संत समागम आयोजित किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में संत महात्माओं के साथ श्रद्वालु शामिल हुये। संत आसाराम बापू की कृपा से सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ तत्पश्चात आरती कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर अयोध्या से आए राम दास जी महाराज गुजराती बाबा ने श्री आसाराम बापू की महिमा का गुणगान करते हुए उन्हें एक तपस्वी ज्ञान मूर्ति संत बताया। उन्होंने कहा परम पूज्य संत बापू आसाराम जी महाराज को झूठे लांछन लगाकर गलत फसाया गया है। संत समाज इसकी घोर निंदा करता है तथा आसाराम बापू जी महाराज को भक्तों की भावना को ध्यान में रखते हुए तत्काल रिहा करने की मांग करता है। इस अवसर पर आश्रम के संचालक व्यवस्थापक रमेश भाई ने बड़े ही सुंदर शब्दों में कहा कागा सब तन खायो चुनचुन मांस अरे दो नैन मत खाइयो गुरु मिलन की आस विश्व भर में धर्म की अलख जगाने वाले ज्ञान की गंगा बहाने वाले संत बापू आसाराम जी महाराज साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति हैं। संत समागम में हजारों की संख्या में संत महापुरुष उपस्थित थे। इस अवसर पर सभी संत तथा भक्त जनों ने बापूजी के खराब स्वास्थ्य के चलते शीघ

पंचकोसी परिक्रमा के दौरान संतों व श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन-पूजन किया गया

 सोमवार को कलश में गंगा जल लेकर महर्षि भरद्वाज आश्रम तक शोभा यात्रा निकाली जाएगी  हरिद्वार। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े द्वारा आयोजित पंचकोशी परिक्रमा में देशभर के हरिद्वार सहित जूना अखाड़ा से जुड़े देशभर के मठ मंदिरों से आये साधु संतों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा कर रहे हैं।सोमवार को परिक्रमा पूर्ण हो जायेगी। जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत महेश पुरी ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता व नेतृत्व में आयोजित पंचकोसी परिक्रमा में चौथे रविवार को हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने कई पवित्र तीर्थ स्थलों के दर्शन कर पूजा-अर्चना भी की। परिक्रमा के अंतिम दिन सोमवार को कलश में गंगा जल लेकर महर्षि भरद्वाज आश्रम तक शोभा यात्रा निकाली जाएगी। रविवार को संगम स्नान-पूजन से शुरू हुई परिक्रमा में शामिल संतों व श्रद्धालुओं ने रविवार को सबसे पहले गंगापार में झूंसी.प्रतिष्ठानपुरी स्थित समूद्रकूप एवं कल्पवृक्ष का दर्शन व पूजन किया। उसके बाद सभी ने झूंसी में ही श्री शंख माधव जी का दर्शन व पूजन किया। ग्राम ककरा.दुबाव

जगद्गुरू रामानंदाचार्य जयंती के उपलक्ष्य में रामानंदीय वैष्णव मंडल ने निकाली शोभायात्रा

प्रत्येक काल में प्रासंगिक रही हैं जगद्गुरू रामानंदाचार्य की शिक्षाएं-श्रीमहंत रविंद्रपुरी  हरिद्वार। जगद्गूुरू रामानंदाचार्य की 724वीं जयंती के अवसर पर श्री रामानन्दीय वैष्णव मंडल के संयोजन में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। भूतपवाला स्थित श्री गोकुल धाम आंवले वाले आश्रम से शुरू हुई बैण्ड बाजों व भव्य झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा का शुभारंभ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज,महंत रामचरण दास महाराज ने किया। शोभायात्रा का जगह-जगह संतों व श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। नगर भ्रमण के पश्चात शोभायात्रा श्रवणनाथ नगर स्थित रामानंद आश्रम में संपन्न हुई। महंत विष्णुदास,महंत प्रेमदास,महंत प्रमोद दास,महंत दुर्गादास, महंत राजेंद्र दास व महंत प्रह्लाद दास ने शोभायात्रा में शामिल हुए सभी संतो का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जगद्गुरू रामानंदाचार्य ने तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर क

कष्ट दूर कर भक्ति के मार्ग पर ले जाती है पंचकोशी परिक्रमा-श्रीमहंत हरि गिरी

 प्रयागराज में संतों व श्रद्धालुओं ने की पंचकोशी परिक्रमा हरिद्वार। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में शुरू हुई पंचकोशी परिक्रमा का शुक्रवार को भी अनेक स्थानों पर स्वागत किया गया। दूसरे दिन की यात्रा संगम स्नान पूजन के साथ शुरू हुई। परिक्रमा में शामिल संतों व श्रद्धालुओं ने परिक्रमा के दौरान अरैल स्थित श्री शूलटंकेश्वर महादेव,आदि माधव, चक्र माधव,सोमेश्वर महादेव व छिंवकी स्थित गदा माधव तथा ग्राम महेवा स्थित श्री भैरव का दर्शन पूजन किया। पंचकोशी परिक्रमा के दौरान बड़ी संख्या में संतो के साथ श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि प्राचीन समय से ही पंचकोशी परिक्रमा लोगों के कष्ट दूर कर उन्हें भक्ति मार्ग पर ले जाने का कार्य कर रही है। सौ साल पहले पंचकोशी परिक्रमा होती थी। बीच मे किन्ही कारणों से बंद हो गयी थी। पुनः तीन वर्ष पहले शुरू हुई यह परिक्रमा अब हर वर्ष होगी। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि पंचकोशी परिक्रमा आध्यात्मिक उन्नति की यात्रा है। श्र

अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में आयोजित 25दिवसीय समारोह का समापन

 हरिद्वार। भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पावन अवसर पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े द्वारा अयोध्या सहित पूरे देश में स्थित जूना अखाड़े के मठों,मंदिरों,आश्रमों तथा पौराणिक तीर्थों पर चलाए जा रहे धार्मिक अनुष्ठान,अन्न क्षेत्र तथा कथाओं का बृहस्पतिवार को समापन हो गया है। अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज के संयोजन में गत एक जनवरी से अयोध्या धाम में श्रीरामपैड़ी तुलसी घाट स्थित श्री दत्त अवध अखाड़े में श्री राम चरित्र मानस पारायण के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ किए जाने के साथ ही पूरे देश में धार्मिक कार्यक्रम प्रारंभ हो गए थे। अयोध्या में श्री दत्त अवध अखाड़ा में इन अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए पूरे देश से हजारों नागा सन्यासी, श्रद्धालु भक्त तथा विशिष्ट धर्माचार्य व अतिथि लगातार आते रहे। निरंजनी अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी तथा जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरी गिरी के नेतृत्व में श्री दत्त अवध अखाड़े से पूरे देश व उत्तराखंड से लाये

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी के नेतृत्व में अयोध्या के लिए रवाना हुई कलश यात्रा

 हरिद्वार। अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के नेतृत्व में श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए लेकर गंगा जल कलश यात्रा मंगलवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी स्थित चरण पादुका मंदिर से अयोध्या के लिए रवाना हुई। इससे पहले स्वरांजलि कार्यक्रम में भगवान राम के भजन प्रस्तुत किए गए। कलश यात्रा 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भव्य रूप से स्वागत किया गया। कलश यात्रा चरण पादुका मंदिर से तुलसी चौक, शिवमूर्ति चौक, वाल्मीकि चौक, चंडी चौक होते हुए मुरादाबाद के लिए रवाना हुई। यात्रा बरेली होते हुए 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान श्री राम जन जन के आराध्य हैं। कई सौ साल की कड़ी मेहनत के बाद राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। उन्होंने बताया कि हरकी पैड़ी, यमुनोत्री, गंगोत्री और सरयू के बागेश्वर धाम से लाए गए गंगाजल को कलश यात्रा के रूप में अयोध्या ल

जूना अखाड़े के संतों ने अयोध्या में मंदिरों में चलाया सफाई अभियान

  हरिद्वार। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में 22जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के मंदिरों में सफाई अभियान चलाने के आहवान पर जूना अखाड़े के संतों ने अयोध्या के सभी मंदिरों में सफाई अभियान शुरू किया है। सफाई अभियान जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के नेतृत्व में नागेश्वर मंदिर से शुरू करते हुए संतो ने श्रीराम पैड़ी के साथ सभी घाटों व गलियों में भी सफाई अभियान चलाया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि सभी के रोम-रोम में बसने वाले भगवान राम 22जनवरी को भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। उनके स्वागत के लिए कण-कण को रामनाम से चमकाना है और राममय बनाना है। श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि 500वर्ष के बाद आ रहे भगवान राम स्वागत इस प्रकार करना है कि सदियों तक उसे याद रखा जाए। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्

न्यू हरिद्वार चंद्राचार्य चौक व्यापार मंडल ने धूमधाम से मनाया लोहड़ी पर्व

कृषि व प्रकृति को समर्पित है लोहड़ी पर्व-मृदुल कौशिक  हरिद्वार। न्यू हरिद्वार चंद्राचार्य चौक व्यापार मंडल द्वारा लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। व्यापारियों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर लोहड़ी गीत सुंदरी मुंदरी पर जमकर नृत्य किया और मूंगफली रेवड़ी का प्रसाद बांट कर सभी को बधाई दी। सभी को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हुए व्यापार मंडल अध्यक्ष मृदुल कौशिक ने कहा कि हर वर्ष 13जनवरी को मनाए जाने वाला लोहड़ी पर्व कृषि व प्रकृति को समर्पित है। इस दिन किसान अपनी नई फसलों को अग्नि को समर्पित करते हैं और भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद अर्पित करते हैं और मिलजुल कर खुशियों के गीत गाते हुए सुख व समृद्धि के प्रतीक लोहड़ी पर्व को मनाते हैं। उपाध्यक्ष अनूप सिद्धू ने कहा कि लोहड़ी पर्व खुशहाली का प्रतीक है। एक साथ मिलकर पर्व मनाने से समाज मे सौहार्द व भाईचारा बढ़ता है। इस दौरान महामंत्री दीपक अग्रवाल,कोषाध्यक्ष सुनील गुलाटी ,काका सरदार,सतनाम भाटिया,हैदर नकवी,सुरेन्द्र अग्रवाल,डा.जसप्रीत सिंह,विमल मल्होत्रा,संजय द्विवेदी,दीपांकर चक्रपाणि,सुनील असेजा,हिमांशु सैनी,जयपाल सिंह,नरेंद्र सूद, संजीव शर्मा,संदीप कौशिक,राहुल अग्रवाल

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का जन-जन तक प्रचार करने में चिकित्सा सेवाकर्मी

 हरिद्वार। जहां अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर हर वर्ग में उत्साह और उमंग है वैसा ही उत्साह और उमंग हरिद्वार के चिकित्सकों नर्सिंग स्टाफ और गैर नर्सिंग स्टाफ में देखने को मिल रहा है।कड़ाके की ठंड के बावजूद स्वामी राम प्रकाश चौरिटेबल हॉस्पिटल अवधूत मंडल के चिकित्सकों,नर्सिंग स्टाफ और गैर नर्सिंग स्टाफ ने चिकित्सालय से रामध्वज लेकर एक रैली निकाली,जो रैली अवधूत मंडल और आसपास के सड़क मार्ग से होती हुई चिकित्सालय में समाप्त हुई। रैली में शामिल चिकित्सकर्मी जय श्री राम,जय हनुमान,सियावर रामचंद्र की जय,वंदे मातरम,भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। और इन्होंने हर दुकान में जाकर दुकानदारों को राम अक्षत और अयोध्या का निमंत्रण कार्ड वितरित किया और उन्हें अयोध्या आने के लिए सादर निमंत्रण दिया। चिकित्साकर्मियों में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को लेकर उत्साह देखते ही बन रहा था। राम संपर्क सद्भाव रैली में स्वामी राम प्रकाश चौरिटेबल हॉस्पिटल की महा प्रबंधक निधि धीमान,डॉ आरती सैनी,संगम सैनी,नर्सिंग स्टाफ की वेद श्रुति चौहान,अंशु यादव,आलोक नवानी, प्रियंका बर्थवाल,सर्वजीत कौर आदि शामिल

स्वामी कैलाशानंद गिरी के सानिध्य में विदेशी नागरिकों ने किया गंगा पूजन और यज्ञ

 सनातन धर्म संस्कृति की पताका फहराने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका-निरंजन पीठाधीश्वर  हरिद्वार। अमेरिका और रूस आदि कई देशो से आए विदेशी नागरिकों ने श्री दक्षिण काली मंदिर घाट पर निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के सानिध्य में 22जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना को लेकर गंगा पूजन और रूद्र चंडी यज्ञ किया। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पूरी दुनिया के लोग सनातन धर्म संस्कृति और अध्यात्म को अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्वामी वेदव्यासानंद महाराज के नेतृत्व में अमेरिका से 90 नागरिक श्री दक्षिण काली मंदिर आए हैं और सनातन धर्म संस्कृति के तहत होने वाले धार्मिक क्रियाकलाप सीख रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर सभी को सनातन धर्म की दीक्षा प्रदान की जाएगी। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पूरे विश्व में सनातन धर्म की पताका को फहराने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका है। धर्मनगरी हरिद्वार के संत महापुरूषों द्वारा प्रसारित किए

वृक्षों में तुलसी का महत्वपूर्ण स्थान-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में वसंत विहार कॉलोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने तुलसी के महत्व का वर्णन करते हुए बताया कि वृक्षों में तुलसी का महत्त्वपूर्ण स्थान है। तुलसी सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाली है। तुलसी के पूजन, दर्शन, सेवन व रोपण से दैविक, भौतिक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के तापों का नाश और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण ने भी तुलसी पूजन किया था। अशोक वाटिका में माता सीता ने प्रभु श्रीराम की प्राप्ति के लिए तुलसी का मानस पूजन ध्यान किया था। हिमालय पर्वत पर माता पार्वती ने भगवान शंकर की प्राप्ति के लिए तुलसी का वृक्ष लगाया था। भगवान विष्णु की कोई भी पूजा बिना तुलसी के पूर्ण नहीं मानी जाती। ऋषि-मुनि अपने आसपास तुलसी का पौधा लगाते थे व तुलसीयुक्त जल का ही आचमन लेते थे। पद्म पुराण के अनुसार तुलसी के दर्शनमात्र से करोड़ों गोदान का फल प्राप्त होता है। तुलसी के पौधे या देशी गाय की नौ बार परिक्रमा

तीर्थनगरी की मर्यादा और जनकल्याण के लिए लड़ेंगे लोकसभा चुनावः डॉ स्वामी संतोषानंद

 ’सनातन,संस्कृति और संत की रक्षा के लिए महामंडलेश्वर संतोषानंद योग्य उम्मीदवारः स्वामी चिन्मयानंद हरिद्वार। श्री अवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा एवं जनकल्याण की कामना से उन्होंने गृहस्थ जीवन का त्यागकर संन्यासी जीवन में प्रवेश किया था। अब इसी भावना से चुनाव में उतरने का निर्णय किया है। उनके इस निर्णय में हनुमानजी का आशीर्वाद है और जनता का सहयोग मिला तो चुनाव में जीत दर्ज कर हरिद्वार के तीर्थत्व की रक्षा के साथ स्थानीय लोगों के हित में कार्य करने के लिए समर्पित होकर कार्य करेंगे।गौरतलब है कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ी संस्था पूर्वांचल उत्थान संस्था,इकाई हरिपुर कलां समिति की ओर से महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज के सम्मान में लिट्टी चोखा भोज श्रीकृष्ण प्रणति प्रणति अक्षर तीर्थ धाम, आश्रम हरिपुर कलां, में आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में पूर्वांचल समाज के लोगों ने महामंडलेश्वर डॉ स्वामी संतोषानंद देव जी महाराज के चुनाव लड़ने के निर्णय का स्वागत किया। इस मौके पर स्वा

भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है सामा-चकेबा,

 लोक पर्व के तौर पर मनाया जाता है,मिथिला बिहार में त्यौहार  हरिद्वार। सामा चकेवा एक लोक उत्सव है। जों भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व छठ महापर्व के समाप्त होने के बाद शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि को खत्म हो जाता है। देखा जाए तो भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार न सिर्फ रक्षाबंधन और भाई दूज है,बल्कि सामा चकेवा भी है। भले ही इस त्योहार को देशभर में न मनाया जाता है,लेकिन यह मिथिला और बिहार का महत्वपूर्ण पर्व है। खासकर सामा चकेवा मिथिला का प्रसिद्ध लोक पर्व है। इस पर्व का पर्यावरण,पशु-पक्षी और भाई बहन के स्नेह संबंधों को गहरा करने का प्रतीक है। भाई और बहन के प्यार का त्योहार सात दिनों तक चलता है। इस सामा चकेवा त्योहार की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष के सप्तमी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा की रात तक चलता है। बता दें कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को महिलाएं सामा चकेवा बनाती हैं। इस पर्व को मनाने के दौरान महिलाएं लोक गीत गाती हैं और अपने भाई के मंगल कामना के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। गांव में इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के दौरान महि

भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है सामा-चकेबा,

 लोक पर्व के तौर पर मनाया जाता है,मिथिला बिहार में त्यौहार  हरिद्वार। सामा चकेवा एक लोक उत्सव है। जों भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व छठ महापर्व के समाप्त होने के बाद शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि को खत्म हो जाता है। देखा जाए तो भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार न सिर्फ रक्षाबंधन और भाई दूज है,बल्कि सामा चकेवा भी है। भले ही इस त्योहार को देशभर में न मनाया जाता है,लेकिन यह मिथिला और बिहार का महत्वपूर्ण पर्व है। खासकर सामा चकेवा मिथिला का प्रसिद्ध लोक पर्व है। इस पर्व का पर्यावरण,पशु-पक्षी और भाई बहन के स्नेह संबंधों को गहरा करने का प्रतीक है। भाई और बहन के प्यार का त्योहार सात दिनों तक चलता है। इस सामा चकेवा त्योहार की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष के सप्तमी से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा की रात तक चलता है। बता दें कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को महिलाएं सामा चकेवा बनाती हैं। इस पर्व को मनाने के दौरान महिलाएं लोक गीत गाती हैं और अपने भाई के मंगल कामना के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। गांव में इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के दौरान महि

उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व का समापन

 बड़ी संख्या में छठव्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्ध्य प्रदान कर की सुख समृद्वि की कामना हरिद्वार। सोमवार को सबेरे उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही सूर्योपासना एवं लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व का समापन हो गया। सोमवार को तड़के ही पंचपुरी के विभिन्न गंगाघाटों पर छठव्रतियों के सिर उनके परिजन छठ का डाला लेकर पहुंचे। पारंपरिक गीतों के साथ भगवान सूर्य नारायण की उदय होने का इंतजार किया भगवान प्रकट हुए छठ व्रत में प्रदान कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा। तीर्थनगरी हरिद्वार में पूर्वांचल समाज की ओर से छठ पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। हरिद्वार के सभी गंगाघाटों पर छठ व्रतियों को देखने वालों की भीड़ जुटी रही। हरिद्वार के तमाम गणमान्य संत-महंतो राजनैतिक दलों के नेताओं,समाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से जूडे लोगों ने छठ व्रतियों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। पूर्वांचल उत्थान संस्था,पूर्वांचल जनजागृति संस्था,पूर्वांचल छठ पूजा समिति जैसी तमाम संस्थाओं की ओर से छठ घाटों पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। पूर्वांचल उत्थान संस्था के अध्यक्ष सीए आशुतोष पांडेय,महासचिव बीएन र

गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, छठ व्रतियों के देखने जुटी भारी भीड़

डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर छठ व्रतियों ने मांगा मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद  हरिद्वार। लोक आस्था का पर्व चार दिवसीय छठ पर्व के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने हर की पैड़ी सहित पंचपुरी में अनेक स्थानों पर गंगाघाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देकर अपने अपने मनोनुकूल मनोकामना पूर्ण होने की कामना की। तीसरे दिन सायंकाल छठ व्रतियों ने सांयकाल में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर सुख-समृद्वि की कामना की। इस दौरान हरिद्वार के समस्त घाटों पर उत्सव का नजारा देखने को मिला। छठ व्रतियों को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। घाट पर छठ व्रतियों के आने-जाने के दौरान सड़कों पर भारी जाम लगा रहा। सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही छठ पर्व का समापन हो जायेगा। सूर्योपासना एवं लोक आस्था के पर्व छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के लिए छठ व्रतियों की भीड़ गंगा घाटों पर जुटी। दोपहर तीन बजे से ही छठ का डाला लेकर श्रद्धालुओं का गंगा घाट पहुंचने क्रम जारी हो गया। छठ व्रतियों के लिए गंगा घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया। पारंपरिक धुनों पर