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श्रीमद्भागवत कथा श्रवण ,मनन से होता है कल्याण का मार्ग प्रशस्त-स्वामी साधनानंद

हरिद्वार। भूपतवाला स्थित झालावाड़ आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी साधनानंद महाराज ने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में परम् कल्याणकारी श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने का अवसर सौभाग्य से प्राप्त होता है। सौभाग्य से प्राप्त होने वाले इस अवसर को कभी गंवाना नहीं चाहिए। लेकिन कथा श्रवण का लाभ तभी है।जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। स्वामी साधनानंद महाराज ने कहा कि साक्षात श्री हरि की वाणी श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण और मनन से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन भवसागर से पार हो जाता है।कथाव्यास राजेश भाई भट्ट ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का भंडार है।कथा से मिले ज्ञान को जीवन में धारण करने से भगवान श्रीकृष्ण की अपार कृपा प्राप्त होती है। कथा के मुख्य जजमान हार्दिक भाई ने परिवार सहित संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी ज्योर्तिमयानंद,स्वामी विपनानंद,स्वामी नागेंद्र महाराज आदि ने भी श्रद्धा...

दिव्य और भव्य रूप से संपन्न होगा हरिद्वार कुंभ मेला-स्वामी रविदेव शास्त्री

हरिद्वार। युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के नेतृत्व में 2027 हरिद्वार कुंभ मेला दिव्य और भव्य रूप संपन्न होगा।कुंभ मेले में आने वाले संतों और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेें। इसके लिए जल्द ही युवा भारत साधु समाज का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी शिवम महंत के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलेगा। जस्सा राम रोड़ स्थित श्रीजगद्गुरू उदासीन आश्रम में युवा संतों की बैठक के दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता ने पूरी दुनिया का प्रभावित किया है।सनातन धर्म संस्कृति का प्रभाव पूरे विश्व में बढ़ा है।स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि ने कहा कि हरिद्वार सनातन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है।2027 में हरिद्वार के गंगा तट पर होने वाले कुंभ मेले के दौरान सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के विशाल संगम से पूरे विश्व में आध्यात्मिक चेतना का प्रसार होगा। उन्होंने कहा कि संकट और आपातकालीन परिस्थितियों में सनातन धर्म संस...

विश्व में अद्वितीय है भारत की संस्कृति और सैन्य बल-स्वामी विज्ञानानंद

हरिद्वार। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि भारत की संस्कृति और सैन्य बल विश्व में अद्वितीय है। 5हजार वर्ष पूर्व भारत का नाम हिमवर्ष था। बाद में आर्यावर्त,जम्मू द्वीप,भारतखंड और अब भारतवर्ष है। 14 विभाजन झेलने के बाद भी भारत की विश्व में अलग पहचान है।विष्णु गार्डन स्थित गीता विज्ञान आश्रम में गुरु पूर्णिमा उत्सव की तैयारी के संबंध में आयोजित ट्रस्टी,भक्तों एवं अनुयायियों की संयुक्त बैठक के दौरान धर्म सत्ता को संतुष्ट कर राष्ट्र को महान बनाने का आवाहन करते हुए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा कि विघटन और विभाजन के माध्यम से कई बार भारत को कमजोर करने का प्रयास किया गया।लेकिन दैवीय शक्ति संपन्न भारत उत्तरोत्तर उन्नति की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान,बांग्लादेश,श्रीलंका,नेपाल, भूटान,म्यांमार,अफगानिस्तान,तिब्बत,ईरान,थाईलैंड,कंबोडिया,इंडोनेशिया,मलेशिया और वियतनाम यह सभी अखंड भारत का हिस्सा रहे हैं। भारत से अलग होने के बाद कई देश इस्लामिक कंट्री बने तो कई देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था है। भारत में हुए विभाजन और उनके का...

जैन मुनि प्रसन्न सागर जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन पूर्ण शुचिता व पूर्ण संयम से जीया है-स्वामी रामदेव

पतंजलि विश्वविद्यालय परिसर में दिगंबर जैन मुनि का योगगुरू रामदेव व आचार्य जी ने किया स्वागत  हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के परिसर में गुरूवार को आध्यात्मिक चेतना, दर्शन और धर्म-संवाद दृश्य साकार हुआ, जब दिगंबर जैन परंपरा के प्रखर चिंतक, संत- शिरोमणि,अँतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज पहुचे। जैन मुनि के सम्मान में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें स्वामी रामदेव महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण ने उनका भावपूर्ण अभिनंदन किया। इस अवसर पर जैन मुनि ने कहा कि कहा कि स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण मानवता के स्वास्थ्य,समाज की सम्पन्नता तथा विश्व सद्भावना के लिए निस्वार्थ भाव से पारमार्थिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने योग व आयुर्वेद की महति साधना की है। जैन मुनि ने प्रकृति,संस्कृति व विकृति की विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने कहा कि प्रकृति व संस्कृति के अनुरूप जीवन जीएँ,विकृति में जीवन जीना दरिद्रता का प्रतीक है। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं योगऋषि स्वामी रामदेव ने कहा कि अँतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज का आगमन न केवल एक जैन संत का आगमन है,बल्कि यह समग...

संत, हृदय को स्वच्छ करते हैं और स्वच्छता कर्मी सड़कों को स्वच्छ करते हैं

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन हो रही 34दिवसीय श्रीराम कथा में आज राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव,चंपत राय का आगमन हुआ।संत श्री मुरलीधर जी के पावन मुख से हो रही श्रीराम कथा में आज स्वामी चिदानन्द सरस्वती और चंपत राय का पावन सान्निध्य ,उद्बोधन व आशीर्वाद प्राप्त हुआ।श्रीराम कथा,निरंतर धर्म,भक्ति और संस्कृति का अलख जगा रही है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा चंपत राय वर्षों से राष्ट्र,धर्म और संस्कृति के संरक्षण हेतु समर्पित भाव से कार्यरत हैं। उनका चरित्र किसी पुस्तक के पृष्ठों में सिमटी हुई कोई कहानी नहीं,बल्कि ऐसा प्रकाशस्तंभ है जो हर युग में हर पीढ़ी को नैतिकता, मर्यादा और कर्तव्य का मार्ग दिखाता है।उनके जीवन की इस पाठशाला में सेवा है,समर्पण है,त्याग है,सत्य है और धर्म का अद्भुत संतुलन है। श्रीराम ने जीवन के हर रिश्ते को पूरी निष्ठा और उत्तरदायित्व से निभाया। उन्होंने पिता के वचन की रक्षा के लिए राज्य और वैभव का त्याग किया,भाई के प्रति प्रेम और सम्मान की उच्चतम सीमा तय की, और एक राजा होकर भी शबरी,निषाद और वनवासियों से आत्मीय संबंध जोड़े। श्री राम जी के जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा यह है...

हरिद्वार से कश्मीर की यात्रा करेगा संत समाज-स्वामी राजराजेश्वराश्रम

 धूमधाम से मनाया गया जगद्गुरू आश्रम का वार्षिकोत्सव हरिद्वार। कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम का वार्षिक उत्सव आश्रम के परमाध्यक्ष जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज के सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया।इस अवसर पर हवन यज्ञ आदि सहित कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी,निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी,अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज,जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी सहित कई संत महंत व गणमान्य लोग शामिल हुए।शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने सभी को आशीर्वाद देते हुए रकहा कि तीर्थ यात्राएं भारत की प्राचीन परंपरा है।तीर्थयात्राएं समाज में समरसता स्थापित करती है।पुर्ननिर्माण प्रकृति और मनुष्य की सहज प्रवृत्ति है।संत समाज हरिद्वार से कश्मीर की यात्रा करेगा और सरकार से सनातन धर्म के मठ मंदिरों के पुर्ननिर्माण की मंाग करेगा। यदि सरकार सहयोग नहीं करती है तो संत समाज अपने स्तर पर संसाधन जुटाकर मठ मंदिरों का जीर्णोद्धार और उनका सरंक्षण करेगा।कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि जगद्गुरू...

श्रीमद्भावगत कथा ही भव सागर पार करने का एक मात्र आधार-स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री

हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्रीस्वामी नारायण आश्रम में आयोजित श्रीमद्भावगत कथा के छठे दिन बाबा हठयोगी की अध्यक्षता में आयोजित संत सम्मेलन में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष सम्मिलित हुए। गौ सेवा में उल्लेखनीय योगदान के लिए आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री महाराज का पगड़ी पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया।महंत देवानंद सरस्वती,स्वामी आनन्द स्वरूप,स्वामी निर्मल दास,महंत कपिल मुनि व स्वामी परमानंद ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। संत सम्मेलन में श्रद्धालुओं को आशीवर्चन प्रदान करते हुए श्रीस्वामी नारायण आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री महाराज ने कहा कि गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का अवसर सौभाग्य से प्राप्त होता है।धर्म और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने वाली श्रीमद्भावगत कथा ही भव सागर पार करने का एक मात्र आधार है।श्रद्धा और समर्पण के साथ श्रीमद्भावगत कथा का श्रवण करने से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।लेकिन कथा श्रवण करने का लाभ तभी है।जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। स्वामी हरिवल्लभ दास महा...

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने भेजी श्री गंगोत्री धाम के लिए भोग प्रसाद सामग्री

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने भोग प्रसाद सामग्री से भरा ट्रक गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया। वर्षो से चली आ रही परंपरा के अनुसार मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष गंगोत्री धाम के लिए भोग प्रसाद सामग्री भेजी जाती है।परंपरा का पालन करते हुए शनिवार को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज व एसडीएम अजयवीर सिंह ने निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में पूर्जा अर्चना के पश्चात हरी झंडी दिखाकर भोग प्रसाद सामग्री के ट्रक को गंगोत्री के लिए रवाना किया।गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज भोग प्रसाद सामग्री लेकर हरिद्वार से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए।मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट से भेजी जाने वाली सामग्री से ही तैयार किया गया भोग गंगोत्री धाम में मां गंगा को अर्पित किया जाता है और भक्तों को भोजन प्रसाद आदि वितरित किया जाता है।अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि परंपरा का पालन करते हुए प्रतिवर्ष मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा गंगोत्री धाम के लिए भोग प्रसाद सामग्री भेजी जाती है।श्रद्धा भाव ...

दिव्य योग मंदिर राम मुलख दरबार का पतंजलि योगपीठ में हुआ विलय

हरिद्वार। रामनवमी पर्व पर दिव्य योग मंदिर राम मुलख दरबार का पतंजलि योगपीठ में विलय हो गया। पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण और योगाचार्य स्वामी लाल महाराज भी मौजूद रहे। स्वामी रामदेव ने बताया कि तीस वर्ष पूर्व हमने संन्यास ग्रहण कर अपने संस्थान का नाम दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) रखा था। बाद में हमें पता चला कि योगेश्वर स्वामी राम लाल जी का संस्थान दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार पहले से ही है। यह अद्भुत संयोग ही है कि दोनों संस्थान आज एकाकार हो गए। योग की परम्परा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए योगाचार्य स्वामी लाल महाराज ने यह आहुति रामनवमी के पावन अवसर पर पतंजलि योगपीठ को अर्पित की है।पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा से पाबंदी हटाए जाने को लेकर स्वामी स्वामी रामदेव ने कहा कि इस प्रकार की पाबंदियां राजनीति से प्रेरित होकर वोट बैंक के ध्रवीकरण के लिए लगाई जाती हैं। रामनवमी, जन्माष्टमी और ईद आदि धार्मिक पर्वो पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए। भारत सनातन का देश है,राम,कृष्ण,हनुमान,शिव का देश है। इसमें सबका आदर है। कोई...

नवरात्रि, दिव्यता की चेतना की रात्रिस्वामी चिदानन्द सरस्वती

  नवरात्रि,माँ दुर्गा को समर्पित नौ रातों का पर्व ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज के सत्संग में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों का दिव्यता से वर्णन किया। स्वामी जी ने कहा कि नवरात्रि, माँ दुर्गा को समर्पित नौ रातों का पर्व है। यह आध्यात्मिक जागरूकता,भक्ति और आंतरिक परिवर्तन का दिव्य अवसर है।इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है,जो विभिन्न गुणों और ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे शरीर,मन और आत्मा को प्रभावित करते हैं।माँ का प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री,पर्वतराज की पुत्री हैं जो शक्ति,स्थिरता और पवित्रता का प्रतीक हैं।वह प्रकृति की अडिग शक्ति को दर्शाती हैं और हमें अपने जीवन में स्थिरता बनाए रखने की प्रेरणा देती हैं। माँ ब्रह्मचारिणी,तपस्विनी स्वरूप है।माँ ब्रह्मचारिणी तप,भक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्रतीक हैं।वह हमें अनुशासन और आत्म-संयम की शिक्षा देती हैं।जो हमारी सहनशीलता और आंतरिक शक्ति को बढ़ाती हैं धैर्य और आत्म-नियंत्रण विकसित करती हैं तथा उच्च चेतना और आध्यात्मिक ज्ञान की ओर प्रेरित करती हैं।माँ चंद्रघंटा,शा...

सभी ईश्वर की संतान हैं और हम सबमें एक ही दिव्यता विद्यमान-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश। आज जीरो डिस्क्रिमिनेशन डे के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति‘वसुधैव कुटुंबकम’की भावना का साक्षात प्रतीक है।यह संस्कृति सभी को गले लगाने,अपनाने और सभी के कल्याण की कामना करने का संदेश देती है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा,भारतीय संस्कृति सह-अस्तित्व,समभाव, सहिष्णुता और करुणा की संस्कृति है।यह संस्कृति ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः,सर्वे सन्तु निरामयाः’की भावना पर आधारित है।जीरो डिस्क्रिमिनेशन डे केवल एक आयोजन मात्र नहीं है,बल्कि यह मानवता के उत्थान और समानता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का अवसर है।इस दिवस का उद्देश्य है,जाति,धर्म,रंग,भाषा,लिंग और किसी भी प्रकार के भेदभाव से ऊपर उठकर एक समावेशी समाज का निर्माण करना,जहाँ हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिले। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने अपने संदेश में कहा कि आज जब दुनिया सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक भेदभाव से जूझ रही है,ऐसे समय में आज का दिन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। स्वामी जी ने विदेश की धरती पर रहने वाले भारतीय परिवारों का आह्वान करते हुये कहा कि हमें अपनी जड़ों से जुड़कर हमारी प...

श्री गुरू रविदास मंदिर समिति द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी रविदास जयंती

महान संत एवं समता मूलक समाज के प्रेरक थे संत रविदास-डा.शारदा स्वरूप हरिद्वार। भेल सेक्टर-1स्थित श्रीगुरू रविदास मंदिर समिति द्वारा संत शिरोमणी गुरू रविदास महाराज की 648वीं जयंती समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान गुरू वन्दना एवं पूजन,गुरू रविदास वाणी का पाठ, विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके पश्चात श्रद्धालु भक्तों को लंगर प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भेल की मुख्य चिकित्साधिकारी डा.शारदा स्वरूप,भेल हीप एवं सीएफएफएपी के अपर महाप्रबंधक एवं संपर्क अधिकारी विनोद,संत शिरोमणी श्री गुरू रविदास जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक कटारिया,उपाध्यक्ष मौहक्कम सिंह,सचिव दीपक रावत,सहसचिव राकेश रोशन,कोषाध्यक्ष मलखान सिंह,सह कोषाध्यक्ष मनोज कुमार,मंदिर समिति के अध्यक्ष सुखपाल सिंह,सचिव प्रमोद कुमार अदालती,कोषाध्यक्ष कमल सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह व बुके भेंटकर तथा पटका पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रजेश कुमार ने किया। मुख्य अतिथी डा.शारदा स्वरूप एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भेल अपर महा...

बदलाव की बयार लेकर आया है यह समय: डॉ पण्ड्या

जीवन में वासंती उल्लास लाता है यह महापर्व: शैलदीदी हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में वसंतोत्सव हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने विश्वभर के गायत्री साधकों को वासंती उल्लास की शुभकामनाएँ दीं।सरस्वती पूजन,गुरुपूजन एवं पर्व पूजन के साथ हजारों साधकों ने भावभरी पुष्पांजलि अर्पित कीं।इस दौरान कई आडियो बुक,प्रज्ञागीत सहित अनेक साहित्यों का विमोचन किया गया।वसंतोत्सव के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या ने कहा कि यह समय बदलाव की बयार लेकर आया है। सम्पूर्ण समाज,देश में बदलाव देखने को मिल रहा है। हम सभी के जीवन में भी बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि युगऋषि पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने समाज में क्रांति लाने के लिए हम बदलेंगे,युग बदलेगा का जो नारा दिया है,वह अब दिखने लगा है। हम सभी को इसे आत्मसात करना चाहिए।गायत्री परिवार के अभिभावक डॉ पण्ड्या ने कहा कि पूज्य गुरुदेव के सत्साहित्य ने करोड़ों लोगों के जीवन में काफी बदलाव किया है, इसका विस्तार करना समय की मांग है...

सनातन धर्म की समृद्ध परंपराओं को जीवंत व जागृत रखने का एक अनूठा माध्यम हैमहाकुम्भ

कुम्भ मानवता की समग्र यात्रा का अनमोल अध्याय-स्वामी चिदानन्द सरस्वती ऋषिकेश/प्रयागराज। स्वामी चिदानन्द सरस्वती,अध्यक्ष,परमार्थ निकेतन,ऋषिकेश और अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद श्रीमहंत रविन्द्र पुरी जी(महानिर्वाणी) की महाकुम्भ की दिव्य धरती पर दिव्य भेंटवार्ता हुई। महंत श्री रविन्द्रपुरी जी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का महानिर्वाणी शिविर में अभिनन्दन करते हुये कहा कि महाकुम्भ का आयोजन सनातन धर्म की समृद्ध परंपराओं को जीवंत व जागृत रखने का एक अनूठा माध्यम है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि महाकुम्भ धरती का एक दिव्य अनुष्ठान है,जो सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।महाकुम्भ,एकता की शक्ति का द्योतक है।यह समग्र मानवता को एकता का संदेश देता हैं और यह स्व से समष्टि तक जुड़ने का उत्कृष्ट माध्यम भी है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कुम्भ मेला मानवता की एक समग्र यात्रा का प्रतीक है। यह वह अवसर है जब सभी जातियों,धर्मों और पंथों के लोग एक साथ आते हैं और एकता,भाईचारे और शांति के मूल्यों को समर्पित रहते हैं। कुम्भ मेला में भेदभाव,घृणा और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। स्वामी जी ने कहा ...

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने की मनसा देवी मंदिर में पूजा अर्चना,

 प्रयागराज महाकुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की कामना  हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने मनसा देवी मंदिर में पूजनकर प्रयागराज महाकुंभ मेला सकुशल संपन्न होने की कामना की। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ से करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है। भारत सहित तमाम देशों से श्रद्धालु महाकुंभ मेले में गंगा तट पर होने वाले विशाल संत समागम में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं और संत महापुरूषों का सानिध्य प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य ने धर्म रक्षा के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी। देश में चार स्थानों पर लगने वाले महाकुंभ मेले में सभी तेरह अखाड़े एकत्र होते हैं और सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन के लिए विचार मंथन करते हैं। महाकुंभ मेले के दौरान संत महापुरूषों के सानिध्य में किए जाने वाले धार्मिक क्रियाकलापों से विश्व में शांति और समृद्धि का वातावरण बनता है।संत महापुरूषों के श्रीमुख से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से पूरी दुनिया के लोगों को मार्गदर्शन मिलता है।श्रीमहंत रविंद्र...

प्रयागराज कुंभ मेले के लिए रवाना हुई श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की जमात

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने किया जमात को रवाना  समुद्र मंथन काल से चला आ रहा है कुंभ पर्व-श्रीमहंत रविंद्रपुरी हरिद्वार। कमल मिश्रा-श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के रमता पंचों की जमात बृहस्पतिवार को प्रयागराज महाकुंभ के लिए रवाना हुई। जमात के प्रयागराज रवाना होने से पूर्व जमात के श्रीमहंतों,पंचों ने मां गंगा और अखाड़े के इष्टदेव भगवान कपिल मुनि की पूजा अर्चना कर प्रयागराज कुंभ मेला सकुशल संपन्न होने व देश में सुख शांति की कामना की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने आतिशबाजी और ढोल नगाड़ों के साथ जमात में शामिल संतों को फूलमाना पहनाकर प्रयागराज रवाना किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि कुंभ का पर्व समुद्र मंथन काल से चला आ रहा है। उस काल में समुद्र मंथन से अमृत निकला था और अमृत की बूंदे जिन स्थान पर पड़ीं वहां-वहां कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि कुंभ पर्व पृथ्वी लोक में चार स्थानों पर और अंतरिक्ष में आठ स्थानों पर आयोजित होते हैं। प्रतिवर्ष एक कुंभ मेले का आयोजन होता है। ...

काल भैरव जयंती पर जूना, आह्वान, अग्नि व संयासिनी अखाड़े ने की धर्म घ्वजा की स्थापना

 हरिद्वार। प्रयागराज महाकुंभ मेले में काल भैरव जयंती पर जूना अखाड़े द्वारा धर्म ध्वज की स्थापना की गई। धर्म ध्वज पूजन के साथ ही संगम पूजन,गंगा-यमुना-सरस्वती पूजन,संगम पर कुंभ मेला प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि का पूजन,गंगा माता द्वारा छोडी गई जमीन का पूजन तथा सभी देवी-देवताओं का आहवान पूजन भी किया गया। श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि के मार्गदर्शन व अध्यक्षता में श्रीपंचदशनाम अखाडे से जुडे जूना अखाडा,आहवान अखाडा,अग्नि अखाडा,संयासिनी अखाडा व आलोक दरबार समेत सभी अखाडों के महामंडलेश्वर,मंडलेश्वर, श्रीमहंत,महंत,थानापति,देश-विदेश से आए संतों की मौजूदगी में पूजन संपन्न हुआ। जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीयसभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज,श्रीमहंत उमा शंकर भारती महाराज ,अखाडा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाडे के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज,आहवान अखाडे के सभापति जमुना गिरि महाराज,अग्नि अखाडा के सभापति मुक्तेश्वरानंद ब्रहमचारी महाराज,श्रीमहं...

श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के मार्गदर्शन में संगम पूजन,गंगा,यमुना,सरस्वती पूजन,भूमि पूजन भी हुआ

 महाकुभ महापर्व में कालभैरव जयंती पर धर्म ध्वजा की स्थापना हुई  प्रयागराज। महाकुभ महापर्व का आगाज 3नवंबर को नगर प्रवेश से हो चुका है। महाकुंभ में देश-विदेश से संतों व भक्तों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। मेले में शनिवार 23 नवंबर को काल भैरव जयंती पर धर्म ध्वज की स्थापना की गई। धर्म ध्वज पूजन के साथ ही संगम पूजन,गंगा-यमुना-सरस्वती पूजन,संगम पर कुंभमेला प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि का पूजन,गंगा माता द्वारा छोडी गई जमीन का पूजन तथा सभी देवी-देवताओं का आहवान पूजन भी किया गया। सभी अखाडों को जमीन का आवंटन भी किया गया। श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि जिनके मार्गदर्शन व अध्यक्षता में धर्म ध्वजा पूजन,गंगा-यमुना-सरस्वती पूजन,संगम पर कुंभ मेला प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि का पूजन,गंगा माता द्वारा छोडी गई जमीन का पूजन तथा सभी देवी-देवताओं का आहवान पूजन श्रीपंचदशनाम अखाडे से जुडे जूना अखाडा,आहवान अखाडा ,अग्नि अखाडा,संयासिनी अखाडा व आ...

प्रयागराज कुभ महापर्व के लिए नगर प्रवेश व भूमि पूजन 3 नवंबर कोःश्रीमहंत नारायण गिरि

पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति का होगा  हरिद्वार। प्रयागराज में होने वाले कुभ महापर्व के लिए नगर प्रवेश व भूमि पूजन रविवार 3 नवंबर को होगा। उस दिन देश-विदेश से संत प्रयागराज में नगर प्रवेश करेंगे। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर,श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि कुभ महापर्व के दौरान किसी प्रकार का कोई विघ्न ना आए और किसी को कोई परेशानी ना हा,इसके लिए उस दिन जूना अखाडे द्वारा शनिदेव,यमुना व धर्मराज का पूजन किया जाएगा। रविवार 10नवंबर को प्राचीन सिद्धबाबा मौज गिरि मंदिर द्वारा प्रत्येक वर्ष देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या पर आयोजित किए जाने वाले श्रीकालिंदी महोत्सव,दीपदान महायज्ञ, सांस्कृतिक कार्यक्रम व विशाल भंडारे का आयोजन होगा। शनिवार 23नवंबर को धर्म ध्वजा पूजन,संगम पर कुभ छावनी में शासन द्वारा आवंटित भूमि का पूजन,गंगा द्वारा आवंटित भूमि का पूजन,गंगा, यमुना व सरस्वती समेत सभी देवी-देवताओं का पूजन किया जाएगा। शनिवार 14 दिसंबर को समूह के द्वारा पेशवा...

धर्म ध्वजा संत-महापुरुषों के सानिध्य में 30दिसम्बर को होगी स्थापित: श्रीमहंत रामरतन गिरी

20 दिसम्बर को जमात रमतापंच हरिद्वार से प्रयागराज के लिए होगी रवाना  हरिद्वार।  तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने महाकंुभ मेला प्रयागराज की व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बताया कि 20दिसम्बर को जमात रमतापंच हरिद्वार से प्रयागराज के लिए रवाना होगी और 30दिसम्बर को धर्म ध्वजा संत-महापुरुषों के सानिध्य में स्थापित की जायेगी। उन्होंने बताया कि 4जनवरी 2025 को शोभायात्रा नगर भम्रण के लिए निकाली जायेगी और छावनी प्रवेश होगा। प्रयागराज महाकंुभ मेले का 14जनवरी को पहला शाही स्नान होगा। यह शाही स्नान मकर संक्राति पर्व को पड़ रहा है। वहीं,दूसरा शाही स्नान मौनी अमवस्या 29जनवरी को होगा और तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी 3फरवरी को होगा। सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि प्रयागराज महाकंुभ मेला दिव्य भव्य व आलौकिक छटा को बिखेरेगा देश दुनिया के श्रद्धालु भक्त महाकुंभ मेले में हिस्सा लेगे। सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार का प्रमुख केन्द्र प्रयागराज महाकंुभ मेला होगा। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत श्र...