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संत समाज की दिव्य विभूति थे ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश-स्वामी हरिचेतनानंद

 हरिद्वार। पावन धाम आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष स्वामी सहज प्रकाश महाराज के अवतरण दिवस पर संत समाज ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश ने आजीवन संत परंपरांओं का पालन करते हुए समाज कल्याण में योगदान दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते सनातन धर्म और प्राणी मात्र की सेवा का संकल्प लेना चाहिए। पूर्व गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि धर्म और समाज को जीवन अर्पण करने वाले ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज की शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश महाराज के शिष्य स्वामी वेदांत प्रकाश महाराज जिस प्रकार अपने गुरू के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। स्वामी वेदांत प्रकाश महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आ

भगवत प्राप्ति के लिए श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करें-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार जुर्स कंट्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि शुकदेव मुनि वेदव्यास के पुत्र थे। एक कथा के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण व राधा के अवतार के समय ये राधा के साथ खेलने वाले लीला शुक थे। शास्त्री ने बताया कि जब भगवान शिव अमर कथा सुना रहे थे तो माता पार्वती को नींद आ गई। वही पर कथा के प्रभाव से एक फूटे हुए अण्डे में तोता प्रकट होकर ओम ओम कहने लगा। जब भगवान शंकर ने देखा कि मेरी अमर कथा चोरी हो गई है, तो वे उसे पकड़ने भागे। यह देख बालक शुक व्यास के आश्रम में पहुंचकर सूक्ष्म रूप से उनकी पत्नी के मुंह में समा गया। मान्यता है कि यही शुक फिर व्यास के पुत्र के रुप में प्रकट हुए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गर्भ में ही इन्हे वेद, उपनिषद, दर्शन, पुराण आदि का ज्ञान हो गया था। लेकिन माया के डर से वे 12 वर्ष तक गर्भ में ही छिपे रहे। भगवान श्रीकृष्ण से माया के प्रभाव से मुक्त रहने का आश्वासन मिलने पर ही वे मां के गर्भ से बाहर आए और जब राजा परीक्षित को समिक मुनी के पुत

रमजान के पहले जुमे पर रोजेदारों ने नमाज अदा कर मांगी मुल्क की खुशहाली की दुआएं

 हरिद्वार। माह-ए-रमजान के पहला जुमे पर रोजेदारों ने शहर और देहात की मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा कर मुल्क की सलामती और अमन-चैन की दुआएं मांगी। नमाज अदा करने के बाद रोजेदारों ने एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की। नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन की और से सुरक्षा के चाक चैबंद इंतजात किए गए थे।शुक्रवार को रमजान के पहले जुमे को ज्वालापुर की जामा मस्जिद,शाही मस्जिद,भेल मस्जिद,मस्जिद-ए-अंसारियान,खजूर वाली मस्जिद,मंडी की मस्जिद, मस्जिदें अली,मदीना मस्जिद,पांवधोई के साथ ही देहात के पथरी, धनपुरा, घिस्सुपुरा,बहादराबाद,सलेमपुर गढ़मीरपुर सहित तमाम इलाकों में रोजेदारों ने नमाज अदा की। मौलाना आरिफ ने रोजे की फजलीयत बयान करते हुए कहा कि रोजा केवल भूख प्यास का ही नहीं। बल्कि गलत बोलने और सुनने का भी होता है। इसलिए रोजे की हालत में गलत कामों, गलत सुनना, बोलना इन सभी से बचना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा कुरान पाक की तिलावत और नमाज पढ़कर गुनाहों से तौबा करनी चाहिए। मंडी की मस्जिद के पेश इमाम हाफिज कुतुबुद्दीन ने कहा कि रमजान इस्लामिक महीनों में सबसे खास महीना होता है। इस महीने में इबादत कर गुनाहों से तौबा करनी चाहिए। रमज

मनुष्य के प्रथम गुरू हैं माता पिता-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 हरिद्वार। आर्यनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए बताया बिना गुरु के गति नहीं होती है,न ही बिना गुरु के ज्ञान मिल सकता है। इसलिए मनुष्य को गुरु की शरण में जाना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि मनुष्य के प्रथम गुरु माता पिता हैं। माता-पिता से ही बच्चों को संस्कार मिलते हैं। माता-पिता के बाद दूसरा स्थान शिक्षा गुरु का हैं। जिनसे हमें अच्छी शिक्षाएं मिलती हैं और फिर आते है दीक्षा गुरु। जिनसे मंत्र प्राप्त कर जाप के द्वारा हम अपना आध्यात्म कल्याण कर सकते हैं। सद्गुरु ही हमें असत्य से सत्य की ओर,अंधकार से प्रकाश की ओर एवं मृत्यु से अमृत की ओर लेकर जाते हैं। गुरु से प्राप्त ज्ञान से भीतर का अज्ञान रूपी अंधकार नष्ट हो जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु धारण अवश्य करना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि स्त्री के लिए उसका पति ही उसका गुरु है। पत्नी अपने पति से मंत्र प्राप्त कर उसका जाप करें तो उसका आध्यात्म कल्याण हो सकता है। स्त्री के लिए पर पुरुष का चिंतन एवं ध्यान शस्त्

गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट ने गरीब बच्चों के लिए स्थापित की पाठशाला

 गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करना ट्रस्ट का संकल्प-कमल खड़का हरिद्वार। बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ पहल करते हुए गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट ने घाटों पर भिक्षा मांगकर जीवन यापन करने वालों लोगों के बच्चों के लिए रोड़ी बेलवाला मैदान में पाठशाला की शुरूआत की है। गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल खड़का ने कहा कि गिरवर नाथ जलकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट ने गरीब बालक बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने का संकल्प लिया है। घाटों पर भिक्षा मांग कर जीवन यापन कर रहे लोग गरीबी के चलते अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ है। शिक्षा से वंचित बच्चे भी भिक्षावृत्ति करने लगते हैं। इसको देखते हुए ट्रस्ट की और से पाठशाला की शुरूआत की गयी है। फिलहाल अस्थाई रूप से स्थापित की गयी पाठशाला में धन के अभाव के चलते शिक्षा से वंचित गरीब बच्चों को निःंशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। बच्चों को कापी,किताबें,पेंसिंल आदि भी ट्रस्ट की और से उपलब्ध करायी जाएगी। कमल खड़का ने कहा कि समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्ग की सेवा के लिए ट्रस्ट के विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से कई सेवा कार्य संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें

नर सेवा ही नारायण सेवा: अनिरूद्ध भाटी

 हरिद्वार। नरसिंह भवन ट्रस्ट हरिद्वार में राजा स्वगÊय लक्ष्मी लाल, पन्नालाल पित्ती की स्मृति में 13वें निःशुल्क विशाल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें श्री स्वामी भूमानंद अस्पताल रानीपुर झाल के चिकित्सकों ने मरीजों के नेत्रों के परीक्षण के उपरांत मोतियाबिंद के मरीजों को निःशुल्क ऑपरेशन के लिए एम्बुलेंस के द्वारा अस्पताल भेजा। जहां उनका निःशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा। साथ ही कमजोर दृष्टि वाले 196लोगों को निःशुल्क चश्मा भी प्रदान किया गया। ऋषिकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय के चिकित्सकों की टीम ने ब्लड शुगर,बीपी की जांच कर सामान्य रोगियों को निःशुल्क दवाएं प्रदान की। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ नरसिंह भवन ट्रस्ट के प्रबंधक एवं संचालक राजेंद्र राय,वरिष्ठ भाजपा नेता अनिरुद्ध भाटी ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर भाजपा नेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। समाजसेवी राजेन्द्र राय के संयोजन में प्रतिवर्ष इस शिविर का लाभ हरिद्वार के सैकड़ों लोगों को प्राप्त होता है। सेवा प्रकल्पों की स्थापना राजा स्वगÊय लक्ष्मी लाल, पन्नालाल

प्रत्येक व्यक्ति को गौ सेवा करनी चाहिए-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

  हरिद्वार। आर्यनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम् दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने भी गौ सेवा की थी। जब तक भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन में रहे तब तक उन्होंने चरण पादुका धारण नहीं की। एक बार मैया यशोदा ने कृष्ण से कहा कि कृष्ण तुम नंगे पैरों गौ चारण के लिए वन में जाते हो। तुम्हारे पैरों में कंकड,़ पत्थर, कांटे चुभ जायेंगे। इसलिए तुम चरण पादुका पहन लो। इस पर कृष्ण ने मैया यशोदा से कहा कि मैया मेरी गौ माता नंगे पैरों चलती है। यदि तुम गौ माता को भी चरण पादुका पहनाओ तो मैं भी चरण पादुका पहन लूंगा। मैया यशोदा और नंद बाबा के पास नौ लाख गौ माता थी। इसलिए ना तो मैया यशोदा नौ लाख गौ माता को चरण पादुका पहना पाई और ना ही कन्हैया ने चरण पादुका धारण की। कृष्ण ने हमेशा गौमाता को अपना इष्ट अपना आराध्य मान कर सेवा की। हम और आप भी कृष्ण भक्त तभी कहलाएंगे जब गौ माता की सेवा करेंगे। गौ माता के भीतर तेतीश कोटि देवी देवताओं का वास माना जाता है। जिसने अपने जीवन में गौ माता की सेवा कर ली

श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ पर निकाली शोभायात्रा

 हरिद्वार। तुम्बडिया परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्ताह के शुभारंभ पर चैक बाजार ज्वालापुर से कथा स्थल राघव मंडल श्री राम चैक तक शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथा व्यास कुलगुरु अवधेश मिश्र ने श्रद्धालु भक्तो को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि कालिकाल में श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से जीवन के सभी संताप समाप्त हो जाते है। उन्होंने कहा कि कलयुग में भगवान नारायण की पूजा अर्चना और श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने से पितरों को आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्त होती है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जीवन में आने वाली सभी कठिनाइया समाप्त हो जाती हैं और जीवन सुखमय बनता है। कथा के मुख्य यजमान अंजू एवं पंडित आशुतोष तुम्बडिया ने कहा कि पितरों की शांति हेतु और आशीर्वाद के निमित सभी लोगो को अपनी व्यवस्था अनुसार श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर समाज को नई दिशा देनी चाहिए। कथा के श्रवण करने से परिवारों मे सुख का आगमन होता है। इस मौके पर यजमान कविता शर्मा,गौरी,मयंक तुमढ़िया,विनी,अर्पित तुम्बड़िया,नूपुर ,गोविंद तुम्बडिया,विराज,ह

विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है हरिद्वार-संत भरत मसद महाराज

 हरिद्वार। संत समाज की उपस्थिति में श्रवण नगर में गुरू जोधर आश्रम के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। इस अवसर पर महंत गंगादास उदासीन महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों की उपस्थिति में किए गए अनुष्ठान अवश्य फलीभूत होते हैं। आश्रम का निर्माण पूरा होने पर धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रय प्राप्त होगा। स्वामी भक्त प्रकाश महाराज ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों से विश्व के कल्याण और प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। धर्मनगरी हरिद्वार से संतों द्वारा प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। गुरू जोधर आश्रम धर्म और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा। संत भरत मसद महाराज राजकोट वाले ने कहा कि हरिद्वार विश्व की आध्यात्मिक राजधानी और चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है। हरिद्वार की पवित्र धरती पर स्थापित किया जा रहा गुरू जोधर आश्रम धर्म संस्कृति और सेवा के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा। देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। समाजसेवी राजेश नैथानी ने सभी

संत समाज ने दी ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज को श्रद्धांजलि

 संत समाज की दिव्य विभूति थे ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन-बाबा रामदेव हरिद्वार। साधना केंद्र आश्रम के परमाध्यक्ष चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज के ब्रह्मलीन होने पर सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। योग गुरू स्वामी रामदेव महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज संत समाज की दिव्य विभूति और महान आत्मा थे। उनके अचानक ब्रह्मलीन होने से श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़े और समस्त आध्यात्मिक जगत को भारी क्षति हुई है। जिसे पूरा करना असंभव होगा। स्वामी रामदेव महाराज ने बताया कि अमरीका की एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने 1991 में चन्द्र स्वामी महाराज को मैन आॅफ गाॅड की उपाधि प्रदान की थी। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज ने अपने दिव्य ज्ञान से पूरी दुनिया में सनातन धर्म संस्कृति और आध्यात्मिकता को आगे बढ़ाया। अध्यात्म और धर्म संस्कृति के विलक्षण विद्वान ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी महाराज के विचार और शिक्षाएं सदैव सभी को प्रेरणा देती रहेंगी। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत रघुमुनि महा

तीर्थ की मर्यादा का पालन करने से ही मिलता है पुण्य फल-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 हरिद्वार। आर्यनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि तीर्थ में पुण्य कर्म करने से सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं। लेकिन तीर्थ स्थल पर किया गया पाप कभी नष्ट नहीं होता और वज्र के समान हो जाता है। जिसके फलस्वरूप कई जन्मों तक दुख भोगना पड़ता ह।ै इसलिए सभी को तीर्थ की मर्यादा का पालन करना चाहिए। तीर्थ पर दान पुण्य करे और भगवान का चिंतन करें। तभी तीर्थ का फल प्राप्ता होता है। शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि तीर्थ पर भूमि पर शयन करना चाहिए। तीर्थ के जल में स्नान कर यज्ञ करना चाहिए और ब्राह्मण को भोजन कराकर दान दक्षिणा देनी चाहिए। इसके उपरांत तीर्थ के अधिष्ठाता देवता का दर्शन करना चाहिए। इस प्रकार से जो तीर्थ यात्रा करता है। उसके जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन में समस्त सुखों का भोग कर अंत में भगवान के लोक का अधिकारी बनता है। तृतीय दिवस की कथा में शास्त्री ने ब्रह्मा द्वारा सृष्टि रचना,मनु सतरूपा की उत्पत्ति,मनु महाराज की पुत्री देवहुती का विवाह,कर्दम मुनि के साथ कप

संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज-स्वामी ऋषिश्वरानंद

अवतरण दिवस पर संतों ने किया ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज को नमन  हरिद्वार। जय मां मिशन की संस्थापक ब्रह्मलीन चक्रवर्ती महामंडलेश्वर उषा माता महाराज के शिष्य ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज का अवतरण दिवस मिशन की सभी शाखाओं और आश्रमों में धूमधाम से मनाया गया। हरिद्वार में श्रवणनाथ नगर स्थित जय मां आश्रम में संतों और मिशन की साध्वियों की और से स्वामी महादेव महाराज का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। इस दौरान चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। जय मां मिशन के माध्यम से मानव कल्याण और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। उन्होंने अपनी गुरू ब्रह्मलीन चक्रवर्ती महामंडलेश्वर उषा माता महाराज द्वारा स्थापित जय मां मिशन का कुशल संचालन करते हुए उनके अधूरे कार्यो को जिस प्रकार आगे बढ़ाया। वह सभी के लिए अनुकरणीय है। गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वा

भिक्षावृत्ति वाले बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था करेगा गिरवर नाथ धर्मार्थ ट्रस्ट-कमल खड़का

  हरिद्वार। गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट ने झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों को शिक्षित करने का फैसला किया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल खड़का ने कहा कि घाटों पर भिक्षा मांगने वाले कई गरीब परिवार धन के अभाव में बच्चों को पढ़ाने के बजाए बच्चों को भी भिक्षा मांगने के कार्य में लगा देते हैं। जो कि बेहद दुखद है। कमल खड़का ने कहा कि जल्द ही ट्रस्ट की और से ऐसे बच्चों का सर्वे कराकर उनकी शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का हक है। घाटों पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चे भी पढ़ाई कर जीवन में आगे बढ़ सकें। इसके लिए ट्रस्ट की और से पूरा प्रयास किया जाएगा। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सन्नी वर्मा एवं सचिव हरमीत वर्मा ने बताया की ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर गंगा घाटों की सफाई,गरीब कन्याओं की शादी में मदद,जरूरतमंदों का गर्म कपडे और सुबह शाम खाना चाय आदि का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ट्रस्ट द्वारा प्रति दिन नेत्रहीन लोगो को निशुल्क भोजन,दवा एवं जरुरत का सामान भी उपलब्ध करया जा रहा है। जरूरतमंद और निसहाय लोगों की मदद करना ईश्वर पूजा के स

समस्त वेदों और पुराणों का सार है श्रीमद्भागवत कथा-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 हरिद्वार। आर्यनगर ज्वालापुर आयोजित में श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के संस्थापक भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि चार वेद और सत्रह पुराण लिखने के बाद भी वेदव्यास को चिंतित और दुखी देख देवऋषि नारद ने उनसे कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि आगे कलयुग आ रहा है। कलयुग में मनुष्य वेदों एवं पुराणों को पढ़ने के लिए समय नहीं दे पाएगा और अपना उद्धार नहीं कर पाएगा। मनुष्य संस्कार विहीन हो जाएगा। इसीलिए उन्हें चिंता हो रही है। तब नारद ने वेदव्यास महाराज से कहा कि आप समस्त वेदों एवं पुराणों का सार श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ लिखिए। नारद से प्रेरित होकर वेदव्यास जी महाराज ने श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की और सर्वप्रथम अपने पुत्र सुखदेव मुनि को इसका ज्ञान दिया। जब राजा परीक्षित ने समिक मुनि का अपमान किया तो समिक मुनि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को सात दिन में मृत्यु का श्राप दे दिया। राजा परीक्षित अपने पुत्र जन्मेजय को राजगद्दी देकर शुक्रताल में गंगा तट पर आकर बैठ गए। गंगा तट पर सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत

देवर्षि नारद ने हरिद्वार में किया था श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन- शास्त्री

  हरिद्वार। शुभारंभ बेंकट हॉल आर्यनगर ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पर श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के संस्थापक भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रीमद्भागवत महात्म्य की कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि सर्वप्रथम देव ऋषि नारद द्वारा भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य की स्थापना के लिए हरिद्वार गंगा तट पर भागवत कथा का आयोजन किया गया था। शास्त्री ने बताया नारद अनेक लोक में भ्रमण करते हुए पृथ्वी लोक पर आए। पृथ्वी पर विभिन्न तीर्थो का भ्रमण करते हुए उन्होंने देखा कि मनुष्य अपने कर्मों के द्वारा सुख एवं दुख को प्राप्त हो रहा है। 84लाख योनियों में भटक रहा है। वृंदावन धाम में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य को दुखी देख,उनके दुख को दूर करने के लिए उन्होंने वेद, वेदांत एवं गीता का पाठ बार-बार किया। परंतु भक्ति,ज्ञान,वैराग्य का दुख दूर नहीं हुआ। उसी समय आकाशवाणी हुई कि यदि इनका दुख दूर करना चाहते हो तो सत्कर्म करो। नारद ने विचार किया कि वेद,वेदांत और गीता पाठ के बाद अब यह सत्कर्म क्या रह गया। नारद ने बद्रीनाथ जाकर सनत कुमारो से पूछा। सनत कुमारो ने बताया कि श्रीमद्भागवत सप्ताह यज

श्री वैश्य बंधु समाज मध्य क्षेत्र ने किया स्कूलों बच्चों को पोषाहार वितरित

 हरिद्वार। दिल्ली स्थित एनजीओ इनफेंट मैटर के सौजन्य से श्री वैश्य बंधु समाज मध्य क्षेत्र हरिद्वार के पदाधिकारियों ने प्राईमरी स्कूल के छात्र-छात्राओं और सेवा भारती के छात्र- छात्राओं को पौष्टिक आहार का वितरण किया। श्री वैश्य बंधु समाज मघ्य क्षेत्र हरिद्वार के मुख्य मार्गदर्शक वरिष्ठ समाजसेवी पराग गुप्ता ने कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बालक-बालिकाओं के स्वास्थवर्द्धन हेतु संस्था की और से पौष्टिक आहार का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी को जरूरतमंद वर्ग की मदद के लिए आगे आना चाहिए। संस्था के संस्थापक अशोक अग्रवाल और अध्यक्ष विनीत अग्रवाल ने बताया कि इनफेंट मैटर के सौजन्य से प्राइमरी स्कूलों के लगभग 2 हजार छात्र-छात्राओं को पोषाहार का वितरण किया जाएगा। अशोक अग्रवाल ने बताया कि सेवा को लक्ष्य मानते हुए संस्था की और निरंतर समाज के जरूरतमंद वर्ग की मदद के लिए जरूरतमंद बच्चों को लेखन व पाठ्य सामग्री का वितरण, निराश्रितों को भोजन व वस्त्र वितरण तथा स्वास्थ्य जांच व रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किया जा रहा है। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संस्था की और से क

परम् कल्याणकारी देव हैं भगवान शिव- त्रिवेणी दास

  हरिद्वार। कनखल स्थित श्री तिलभाण्डेश्वर मंदिर आयोजित त्रिदिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में शामिल हुए सभी संतों व भक्तों का आभार व्यक्त करते हुए मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि शिव ही परम कल्याणकारी देव हैं। भगवान शिव आदि हैं और समस्त चराचर में वे ही विद्यमान हैं। भगवान शिव के बिना सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक उपासक भगवान शिव के ही हैं। शेष सभी देव हैं, किन्तु एक भगवान शिव को ही महादेव कहा गया है। श्रीमहंत त्रिवेणी दास महाराज ने कहा कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की ऋद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है। क्नखल क्षेत्र के कण-कण में भगवान शिव विद्यमान हैं। यहां का कण-कण पूजनीय है। इससे पूर्व प्रातःकाल श्रीतिलभाण्डेश्वर महादेव की श्रृंगार आरती हुई। उसके पश्चात यज्ञ की पूर्णाहुति व श्रद्धालु भक्तों को भण्डार वितरित किया गया। इस अवसर पर महंत गोविन्द दास,नगर विधायक मदन कौशिक,वीरेन्द्र वत्स समालखा,अचला मल्होत्रा,विशाल गर्ग,अशोक शर्मा,प्रवीण गोयल,दिनेश दास,भा

गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दे केंद्र सरकार-पंडित अधीर कौशिक

 हरिद्वार। महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में शिवमूर्ति व्यापार मंडल और श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के संयोजन में शिवमूर्ति चैक पर भगवान शिव का अभिषेक, आरती और पूजा अर्चना की गयी और श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग की। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि गाय को हिंदू धर्म में देवी मां का स्वरूप माना गया है। गाय के अंदर तैंतीस करोड़ देवताओं का वास है। इसलिए केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रमाता घोषित करे। इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि दस मार्च को सभी व्यापारी वर्ग गौ माता का पूजन करें और राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करें। उन्होंने मांग पूरी न होने पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की चेतावनी भी दी। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। वर्तमान में केंद्र में हिंदू हितों का संरक्षण करने वाली मोदी सरकार से पूरी आशा है कि हिंदू समाज की इस मांग को तत्काल पूरा किया जाएगा। इस अ

शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है शिवरात्रि महापर्व पंजाबी बाबा

 हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री हनुमान कुटी में विशाल संत समागम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर भारत माता मंदिर के श्री महंत ललितानंद जी महाराज ने कहा शिव ही आदि है शिव ही अनादि है शिव और शक्ति के समर्पण का महान पर्व है शिवरात्रि पर्व। कार्यक्रम के आयोजक पंजाबी बाबा जी महाराज ने कहा शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है शिवरात्रि महापर्व यह संपूर्ण सृष्टि शिव से ही उत्पन्न हुई है और एक दिन उसी में समाहित हो जानी है। मनुष्य अपने जीवन में जो कर रहा है जो दे रहा है वहीं वापस लौट कर आना है। इस संसार में सेवा समर्पण दान और सत्कर्म से बढ़कर कुछ नहीं अगर आप अच्छे कर्म करेंगे तो भगवान आपको उसके अच्छे फल प्रदान करेंगे। दान सत्कर्म और परोपकार से बढ़कर कुछ नहीं। इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमहंत रवि देव वेदांताचार्य जी ने कहा संपूर्ण सृष्टि भगवान शिव से ही उत्पन्न हुई है और एक दिन उसी में समाहित हो जाना है शिव और शक्ति के पवन मिलन की पावन बेला का महापर्व है शिवरात्रि महापर्व। निर्मल संतपुरा के श्री महंत पूज्य जगजीत सिंह जी महाराज ने कहा यह संपूर्ण सृष्टि एक

शिव कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं-महंत हरिदास

  हरिद्वार। नीलेश्वर महादेव मंदिर के महंत हरिदास महाराज ने कहा कि देवों के देव महादेव भगवान शिव की कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। महाशिवरात्रि पर नीलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे भक्तों को शिव महिमा से अवगत कराते हुए महंत हरिदास महाराज ने कहा कि महाशिवरात्रि सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। आज ही के दिन सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत महादेव शिव ज्योर्तिलिंग के रूप में उत्पन्न हुए थे। आज ही के दिन उनका माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था। उन्होंने कहा कि शिव कल्याणकारी हैं। लय और प्रयल को अपने अधीन रखने वाले शिव ही इस संसार का आधार हैं। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का सबसे उपयुक्त अवसर है। महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक और पूजन आराधना करने से भक्त को भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है। जलाभिषेक से ही प्रसन्न हो जाने वाले महादेव भक्तों के भंडार भर देते हैं। इसीलिए उन्हें भोले भंडारी भी कहा गया है। सभी को भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए।