हरिद्वार। श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के पंजाब के ब्रह्मलीन महंत अमृत मुनि महाराज की अस्थियां पूर्ण विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कनखल सती घाट पर गंगा में विसर्जित की गयी।महंत अमृत मुनि महाराज का पिछले दिनों निधन हो गया था।पंजाब से उनका अस्थि कलश हरिद्वार लाया गया।राजघाट कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में अखाड़े के संतों महंतों ने ब्रह्मलीन महंत अमृत मुनि महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।अखाड़े के मुखिया महंत रामनौमी दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन अमृत मुनि महाराज त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे।अखाड़े को आगे बढ़ाने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।उनके ब्रह्मलीन होने से अखाड़े को अपूर्णीय क्षति हुई है।महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमृत मुनि महाराज ने आजीवन संत परंपरांओं का पालन करते हुए श्रद्धालु भक्तों का मार्गदर्शन और सनातन धर्म संस्कृति की कीर्ति पताका को फहराने में योगदान किया। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि एवं महांडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमृत मुनि महाराज के जीवन से प्रेरणा लेते हुए सभी को मानव कल्य...
MANAV JAGAT
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