हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पांच दिवसीय जनसंपर्क अभियान टोली प्रशिक्षण का व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा, केन्द्रीय जोनल समन्वयक डॉ. ओपी शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर शांतिकुंज से परिव्रज्या पर जाने वाले सभी भाई उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड ने देशभर में कोहराम मचाया है। इससे बहुसंख्य परिवारों ने कष्ट झेला है। गायत्री परिवार के अनेक परिजनों ने भी परेशानी के बीच समय बिताया है। हमारे ऐसे परिजनों के दुःख की घड़ी में सहभागिता हेतु जनसंपर्क करेगा। उन्होंने कहा कि शांतिकुंज टोली विभिन्न राज्यों के गाँव-गाँव, घर-घर जायेगी। इस दौरान उनके दुःख को बाँटने एवं उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन देंगे। अशरण शरण श्रीवास्तव ने समयदान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे वर्तमान समय का प्रमुख कारक बताया। प्रो. वीपी त्रिपाठी ने ऋषि परंपरा भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण पर विस्तार से जानकारी दी। उद्घाटन सत्र का संचालन श्याम बिहारी दुबे ने किया।
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पांच दिवसीय जनसंपर्क अभियान टोली प्रशिक्षण का व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा, केन्द्रीय जोनल समन्वयक डॉ. ओपी शर्मा ने दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर शांतिकुंज से परिव्रज्या पर जाने वाले सभी भाई उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड ने देशभर में कोहराम मचाया है। इससे बहुसंख्य परिवारों ने कष्ट झेला है। गायत्री परिवार के अनेक परिजनों ने भी परेशानी के बीच समय बिताया है। हमारे ऐसे परिजनों के दुःख की घड़ी में सहभागिता हेतु जनसंपर्क करेगा। उन्होंने कहा कि शांतिकुंज टोली विभिन्न राज्यों के गाँव-गाँव, घर-घर जायेगी। इस दौरान उनके दुःख को बाँटने एवं उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन देंगे। अशरण शरण श्रीवास्तव ने समयदान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे वर्तमान समय का प्रमुख कारक बताया। प्रो. वीपी त्रिपाठी ने ऋषि परंपरा भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण पर विस्तार से जानकारी दी। उद्घाटन सत्र का संचालन श्याम बिहारी दुबे ने किया।
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