हरिद्वार। थाना कनखल पुलिस ने पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्माण की महंत के खिलाफ धोखाधड़ी के जरिये जमीन बेचने का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार आरोप है कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर जोगेंद्र दास महंत बने और 65 लाख रुपये के जमीन एग्रीमेंट कर ले लिए। कनखल पुलिस ने शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक पंचपरमेश्वर पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्माण कनखल के श्रीमहन्त रघुमुनि और श्रीमहन्त महेश्वरदास ने शिकायत कर बताया कि उन्हें जनवरी 2021 में मालूम हुआ कि रुड़की आवास विकास कॉलोनी निवासी जोगेन्द्र दास गद्दीनशीन महेन्द्र दास का पुत्र है। जिनकी मृत्योपरान्त अखाड़े की ओर से रविन्द्र दास शिष्य महन्त राजेन्द्र दास को शान्तरशाह (भिहंग) की गद्दी का महन्त बनाया गया था। आरोप है कि वर्ष 2010 का एक फर्जी प्रमाणपत्र आरोपी ने तैयार किया और कूटरचित प्रमाणपत्र तैयार कर अपने आप को फर्जी रूप से गद्दी का महन्त नियुक्त करने के लिए साथियों के साथ षड्यंत्र किया। आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षर के बल पर आरोपी जोगेंद्र दास ने गद्दी की शान्तरशाह की बहुमूल्य सम्पत्ति को धोखाधड़ी करने की नियत से जमीन को बेचने की साजिश की और कई लोगों के खिलाफ बैनामा भी किया। इसके लिए आरोपी जोगेंद्र ने 65 लाख रुपये भी ले लिए। पुलिस ने शिकायत आने के बाद आरोपी जोगेंद्र पुत्र महेंद्र दास, निवासी रुड़की आवास विकास के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उधर, कोठीरी महंत दामोदर दास ने बताया कि आरोपी फर्जी तरह से गद्दी का महंत बना था। जबकि अखाड़े ने रविंद्र दास की गद्दी पर नियुक्ति की थी। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर जमीन को भी खुर्दबुर्द किया है। इंस्पेक्टर कमल कुमार लुंठी के अनुसार मामले में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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