हरिद्वार। श्रावण मास शिवरात्रि के मौके पर तीर्थनगरी के विभिन्न शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने जलाभिषेक कर सुख-समृद्वि की कामना की। इस दौरान विभिन्न शिवालयों में शिव भक्तों की खासी भीड़ नजर आई। हलांकि इस वर्ष कांवड़ मेला स्थगित होने के कारण पुलिस की सख्ती के कारण कांवडि़यों के भेष में आने वाले लोग इस साल नजर नहीं आए। शहर के विभिन्न शिवालयों एवं मंदिरों में स्थानीय लोगों ने शिवालयों में जलाभिषेक किया। श्रावण कांवड़ मेला भले ही स्थगित हो गया हो,लेकिन श्रावण के कृष्ण पक्ष में शिवरात्रि की तिथि लगते ही शुक्रवार सुबह को तीर्थनगरी के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दी,इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने शिवालयों में जलाभिषेक कर हर हर महादेव के जयकारें लगाये। इस दौरान पुलिस द्वारा मंदिरों में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। शिवरात्रि पर्व को लेकर शिव मंदिरों को फूलों से सजाया गया था। मंदिरों में सुबह से ही भगवान शिव के भक्तिमय गीत गूंज रहे थे। सुबह से ही लोग शिवालयों में पहुंचकर जल चढ़ाने लगे थे। शिवालयों में दोपहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा-अर्चना कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया तथा दिनभर व्रत रखा। महाशिवरात्रि पर्व पर हरिद्वार के बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर के अलावा सबसे ज्यादा भीड़ कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर नजर आई। चंडीघाट के पास नीलेश्वर महादेव मंदिर, गौरी शंकर महादेव मंदिर के साथ अन्य मंदिरों में भी शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी। कनखल के दरिद्र भंजन मंदिर, दक्षेश्वर महादेव, श्री मृत्युंजय महादेव और बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया गया। उधर आज शनिवार को कांवड़ मेले के लिए बाहर से आई फोर्स की रवानगी भी शुरू हो जाएगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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