हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष सतीश जोशी ने हरिद्वार के नाईसोता स्थित होटल स्वामी पर शौहार्द बिगाड़ने और समाज में वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा जिस मातृशक्ति की शहादत व संघर्ष से उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुआ उनके लिए अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करने पर उसकी कड़ी भत्र्सना की। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन करने के चार घंटे बाद मित्र पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने पर नाराजगी व्यक्त की। जिन राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य के लिए लड़ाई लड़ी, उन्हें एक आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से आरोपी के होटल को सील करने के साथ साथ जिला बदर करने की मांग की तथा केस में कठोर से कठोर धाराएं लगाने भी की मांग की। जिससे की ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके अन्यथा अपनी अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों को मुंह तोड जवाब देने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस मौके पर दिनेश जोशी, तरुण व्यास,जसवंत सिंह बिष्ट,रविंद्र वशिष्ठ,सरिता पुरोहित,तरुण जोशी,दीपक गोनियाल, विमल पांडे, आदेश मारवाड़ी, सुमित, गोकुल रावत, प्रदीप, आदि उपस्थित थे
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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