हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क क्षेत्र के मनसा देवी पर्वतमाला के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ की टीम जंगल में पहुंच गए। जबकि छह दिन बाद भी काबू नहीं पाया जा सका है। बताया जाता है कि अब तक करीब 35 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ चुका है। आग पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ की टीम भी जंगलों में पहुंच चुकी है। बताते चले कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की हरिद्वार रेंज स्थित मनसा देवी पर्वत माला के जंगलों में बीते बुधवार रात को अचानक आग लग गई थी। तभी हरिद्वार रेंज के वन क्षेत्राधिकारी विजय सैनी और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया था। लेकिन उसके कुछ घंटे बाद ही गर्म हवाएं चलने से आग ने एक बार फिर से जंगल को अपनी चपेट में ले लिया था। राजाजी की हरिद्वार रेंज, मोतीचूर रेंज और वन विभाग के करीब 70 से 80 कर्मचारी बीते छह दिनों से आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। अधिक तापमान गर्म हवाएं चलने के कारण आग पर काबू पाना बेहद कठिन हो गया है। आग लगातार जंगल में फैलती जा रही है। आग अब तक 35 हेक्टेयर जंगल को जलाकर राख कर चुकी है। जंगल में आग की भयावह स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए बीते रविवार को एसडीआरएफ को पत्र प्रेषित किया था। एसडीआरएफ की टीम के कुछ लोग जंगलों में पहुंचकर आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे थे। सोमवार शाम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। राजाजी और वन विभाग के कर्मचारी एक और आग पर काबू पाते हैं तो दूसरी और आग जंगल को अपनी चपेट में ले लेती है। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वन्य जीव प्रतिपालक एलपी टम्टा ने बताया कि अधिक गर्मी और पहाड़ों की चोटियों पर लगी आग पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो रहा है। आग अब तक करीब 35 हेक्टेयर जंगल को अपनी चपेट में ले चुकी है। बीते छह दिनों से राजाजी टाइगर रिजर्व के कर्मचारी आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं। अब जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीआरएफ के कुछ लोग भी आग बुझाने के लिए जंगल में पहुंच गए हैं। बताया कि आग पर काबू पाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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