हरिद्वार। जनहित व प्रकृति संरक्षण को लेकर एक संस्था का गठन ‘‘विवेकानंद क्लब‘‘ के नाम से किया गया। खन्ना नगर में संस्था के कार्यालय पर हुई बैठक में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अनिल भास्कर को चुनाव गया। इस अवसर पर अनिल भास्कर ने कहा कि संस्था अनेकों कार्य तो करेंगी ही अपना विस्तार भी देश के अन्य शहरों में करेगी। अनिल भास्कर ने कहा कि समय समय पर समाज में अनेकों बदलाव और आवश्यकताओं का दौर होता है जिसका कारण सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक में से कोई भी हो सकता है, आज समाज भी बदलाव के दौर से गुजर रहा है परन्तु बदलाव के दौर में भी सामाजिकता और प्रकृति के साथ हमारा जुड़ाव नहीं टूटना चाहिए जिससे अगली पीढ़ी के लिए सकारात्मक समाज और संतुलित प्रकृति का उपहार हम दे पाए। हमारे पूर्वजों ने भी यह हमें दिया है तथा यही हमारा भी फर्ज बनता है।आज के समाज में उपरोक्त दोनों बातों की कमी का एहसास होने पर आज विचार कर प्रकृति संतुलन और समाज में समरसता व यथा योग्य सहयोग करने हेतु जनहित में विवेकानंद क्लब का गठन किया गया।संस्था द्वारा प्रथम कार्य 15 जुलाई 2022 से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा जिसके लिए आज ही से क्षेत्रवार सदस्य और टीम बनाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। संस्था अन्य संस्थाओ, व्यापार मंडल, पत्रकार संघठनों, राजनीतिक दलों व आमजन के सहयोग से यह कार्य करेंगी। ग्लोबल वर्मिंग के कारण प्रकृति हित में यही सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। इस कार्य में पीपल, आम, जामुन, शीशम, आवला, बांस, नीम जैसे पेड़ो का रोपण किया जायेगा। जनसहयोग से इन पौधों की रक्षा और पालन हेतु भी योजना बनाई जा रही है जिससे अधिक से अधिक संख्या में पौधे, वृक्ष बन सके। संस्था जल संरक्षण व मनुष्य में बढ़ रहे डिप्रेशन पर भी कार्य करेंगी तथा युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने का कार्य भी करेगी।बैठक में संस्थापक अध्यक्ष के रूप में अनिल भास्कर, विभाष मिश्रा, सपना सिंह,जगदीप असवाल,स्वाति शर्मा, प्रिया, सरिता मिश्रा,तरुण शर्मा,कार्तिक शर्मा, रामकुमार शर्मा,हरद्वारी लाल,बृजमोहन बर्थवाल,रमन चाहल आदि उपस्थित थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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