हरिद्वार। हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के माध्यम से देश विदेश में ऐसे युवाए मानव गढ़े जा रहे हैंएजो योगएआयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में पहुंचाने हेतु संकल्पित हैं। इसी अभियान के मद्देनजर वियतनाम के नामचीन १३ योग संस्थानों के प्रमुख देवसंस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचे और चार दिवसीय विशेष योग एवं आयुर्वेद कार्यशाला में भाग लिया। जिसमें देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञों ने अतिथियों को योग और आयुर्वेद के व्यावहारिक एवं सैद्धांतिक पक्षों पर अपनी जानकारियाँ साझा की। यहाँ आपको बताते चलें कि कार्यशाला वियतनाम से आये अतिथियों के लिए विशेष रूप से आयोजित की गयी थी। कार्यशाला के समापन अवसर पर देसंविवि के प्रतिकुुलपति डॉण्चिन्मय पण्ड्या ने भारतीय संस्कृति एवं योग पर विस्तृत जानकारी दी। प्रतिकुलपति डॉण् पण्ड्या ने कहा कि जीवन विद्या के आलोक केन्द्र के रूप मे विख्यात देसंविवि युवाओं को गढ़ने के लिए संकल्पित है। यहाँ के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा घनिभूत हैएइसे युवा आत्मसात करते हैं। इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने अतिथियों को धन्यवाद देते हुए पुनः पधारने का आमंत्रण दिया। वियतनाम से आए सभी अतिथियों ने प्रतिकुलपति एवं देसंविवि परिवार का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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