हरिद्वार। डीडीओ कोड बहाली को लेकर आयुर्वेदिक कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। गुरुवार को ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के कर्मचारियों और शिक्षकों ने कार्यबहिष्कार कर प्रदर्शन किया। वहीं भाजपा पार्षदों ने कर्मचारी आंदोलन का समर्थन करते हुए डीडीओ कोड बहाली के लिए शहरी विकास मंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया है। गुरुवार को डीडीओ कोर्ड बहाली के लिए 22 वें दिन भी कर्मचारी धरने पर डटे रहे। भाजपा पार्षदों ने धरना स्थल पहुंच कर कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया। भाजपा पार्षद राजेश शर्मा ने कहा कि वर्षों से दोनों आयुर्वेदिक अस्पताल मरीजों को चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध करा रहे हैं। कहा कि चिकित्सकों और कर्मचारियों के आंदोलन का असर मरीजों के इलाज पर भी पड़ रहा है। भाजपा पार्षद ललित सिंह रावत ने कहा कि कोषागार से वेतन और अन्य देयकों का भुगतान न होने से कर्मचारी आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में डीडीओ कोड बहाल होना चाहिए। संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक सचिव शिवनारायण सिंह और चतुर्थ श्रेणी राज्य स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय मंत्री दिनेश लखेड़ा ने समर्थन के लिए पार्षदों का आभार प्रकट किया। आयुर्वेदिक विवि शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो ओपी सिंह ने कहा कि अब कर्मचारी और शिक्षक आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। महासचिव प्रो संजय त्रिपाठी ने कहा कि शासन को कर्मचारियों की मांग माननी होगी। कार्यबहिष्कार में डॉ. केके शर्मा, डॉ. अमित सिंह, डॉ. विशाल वर्मा, डॉ. खेमचंद्र शर्मा, डॉ. कीर्ति वर्मा, डॉ. रीना पाण्डेय, डॉ. रेनू राव, डॉ. प्रवेश कुमार, डॉ. ज्ञानेंद्र दत्त शुक्ला, डॉ. ऋषि आर्य, डॉ. सविता सोनकर, डॉ. सुशमा रावत, डॉ. अंजलि वर्मा, छतरपाल, मनोज पोखरियाल, अजय कुमार, विजयपाल सिंह, रोहिताश, नितिन कुमार, राकेश, दीपक यादव, दिलबर सिंह सत्कारी, रमेश तिवारी, विनोद, बीना शुक्ला, ज्योति नेगी, दिनेश कुमार, नितिन कुमार, दीपक यादव, मोहित मनोचा, ताजबर सिंह, लक्ष्मण प्रसाद वर्मा, आशुतोष गैरोला आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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