हरिद्वार। बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने कहा है कि महापुरूषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। देश की एकता अखण्डता बनाए रखने में संत महापुरूषों व ब्राह्मणों का विशेष योगदान रहा है। भारतमाता पुरम स्थित एकादश रूद्र पीठ में आयोजित ब्राह्मण धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की धुरी ब्राह्मण समाज ने हमेशा समाज का मार्गदर्शन किया है। देश की एकता अखण्डता बनाए रखने के लिए त्याग और बलिदान देने में भी ब्राह्मण समाज सदैव अग्रणी रहा। उन्होंने समाज से एकता का आह्वान करते हुए कहा कि एकजुट होकर की लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। समाज के सभी वर्गो को एकजुट कर देश मजबूती प्रदान करने में योगदान करें। महामण्डलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्राह्मण धर्म सभा के पदाधिकारी पूरे राज्य में जाति परंपरा को समाप्त करने में अपना योगदान देंगे। राष्ट्र की उन्नति एकता व अखण्डता को लेकर देश भर में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। समाज में कई तरह की भ्रांतियां उत्पन्न हो रही हैं। जिन कारणों से समाज विघटन की और बढ़ रहा है। ऐसे में मिलजुल कर ही समाज में जनचेतना उत्पन्न करनी होगी। संत समाज गौ संरक्षण, गंगा स्वच्छता आदि को लेकर भी आम जनमानस को जागरूक करने का काम कर रहा है। सच्ची निष्ठा के साथ धार्मिक क्रियाकलाप संपन्न होंगे तो समरसता को वातावरण समाज में बनेगा। स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि म.म.स्वामी संतोषानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में ब्राह्मण धर्म सभा सामाजिक एकजुटता के लिए सकारात्मक प्रयास कर रही है। संत समाज इसमें पूरा सहयोग करेगा। इस अवसर पर महंत दुर्गादास, महंत देवेंद्र महाराज, म.म.राजेश्वरानन्द, महंत रविन्द्रानन्द, महंत ऋषिनन्द, आचार्य संतराम, अनुराग मुद्गल, विनोद शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, शीतल अवस्थी, देवेंद्र शर्मा, विद्यानन्द महाराज, पंडित कैलाश कृष्ण, धर्मेन्द्र शर्मा, संतराम भट्ट, योगेंद्र पाठक आदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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