हरिद्वार।, टिबडी स्थित एक झोला छाप डाक्टर के क्लीनिक पर सी एम ओ ने छापा मार कर क्लीनिक बंद करवा कर अपना ताला डाला। पूर्व ने भी इसी डाक्टर के क्लीनिक पर ड्रग इंस्पेक्टर ने छापा मारा था,अनियमित पाये जाने पर क्लीनिक बंद करवा दिया था। फिर दोबारा से बिना बोर्ड पर नाम लिखे मरीजों का ईलाज करता डॉक्टर मिला,मौके पर मरीज और सर्जरी के उपकरण भी मिले जिस पर सी एम ओ ने डाक्टर को फटकार लगाई। पूछताछ में डाक्टर ने बताया कि वह पाइल्स का इलाज करता है। मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम क्षेत्र वार्ड संख्या 17 टिबडी में बिना डिग्री के एक डाक्टर जी डी समंधार लोगो का ईलाज करता करता आ रहा है। जिसकी शिकायत किसी ने सी एम ओ से कर जानकारी दी कि डाक्टर के पास कोई डिग्री नहीं है और वह लोगो का ईलाज अंगेजी दवाइयों से करता है। इस मामले को सी एम ओ ने बहुत ही गंभीरता से लिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं ही अपनी टीम के साथ उस डाक्टर के क्लिनिक पर पहुंच गई।जहां उन्होंने पाया कि डाक्टर अंग्रेजी दवाइयों से ईलाज चीरा फाड़ी भी कर रहा है। जब सी एम ओ ने डाक्टर होने का प्रमाण पत्र मांगा तो डाक्टर बगले झांकने लगा। डाक्टर मौके पर अपना क्लीनिकल ऐश्तब्लिष्मेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन भी नहीं दिखा पाया। इस पर सी एम ओ ने डाक्टर को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि तुम लोगो की जान जोखिम में डाल कर ईलाज और चीरा फाड़ी कर रहे हो। बताते चले कि लॉक डाउन काल में ड्रग इंस्पेक्टर ने इसी डाक्टर को चेतावनी देते हुए क्लीनिक बंद करवाया था। कि पहले चिकित्सा संबंधी प्रमाण पत्र कार्यालय में प्रस्तुत करे तभी क्लीनिक खोल सकते हो। वहीं डाक्टर अपने पुत्र सौरभ समांधार के नाम बोर्ड लगा कर खुद लोगो का ईलाज कर रहा था ।जबकि उसके पास कोई डिग्री नहीं है जबकि पुत्र सरकारी डाक्टर है। कितना बड़ा जोखिम उठा कर डाक्टर ईलाज करता आ रहा है। मामले की गंभीरता को भांपते हुए सी एम ओ ने झोला छाप डाक्टर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए क्लीनिक पर ताला जड़ दिया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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