हरिद्वार। चैक बाजार व्यापार संघ के व्यापारियों ने मेयर व नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर चैक बाजार, रामलीला ग्राउण्ड, देवतान, पुरानी अनाज मण्डी, डोलीखाल आदि इलाकों में वर्षो से चली आ रही जलभराव की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। व्यापार संघ के अध्यक्ष सुधीश श्रोत्रिय व महामंत्री राजीव तुम्बड़िया ने कहा कि ज्वालापुर के तमाम इलाकों में बरसात का पानी भरने के कारण व्यापारियों व स्थानीय नागरिकों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाजारों में पानी भरने व्यापार पूरी तरह ठप्प हो जाता है। बरसाती पानी दुकानों में घुसने से सामान खराब हो जाता है। जिससे व्यापारियों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है। व्यापारियों ने कहा कि जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए नाला निर्माण में पार्षद पति बाधक बन रहे हैं। जिसे सहन नहीं किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में नितिन कौशिक, पराग मिश्रा, नरेश वर्मा, विकास, वंशज वर्मा, नवीन अरोड़ा, अनु गुप्ता, विशाल महेश्वरी, राजू पाहवा, शशिकान्त गर्ग, अनूप गर्ग, श्रवण अरोड़ा, शैलेश गर्ग, इन्द्रजीत मल्होत्रा, संजय मेहता, प्रवीण मित्तल, सागर, उमेश तुम्बड़िया, पिंकू कर्णवाल, हरीश क्वात्रा, श्रीओम पटुवर, विनोद जयवाल, निकुंश खेवड़िया, प्रशांत पालीवाल आदि व्यापारी शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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