हरिद्वार। बैरागी कैंप क्षेत्र से अस्थाई अतिक्रमण ना हटाए जाने व कुंभ मेले संबंधित कार्य प्रारम्भ नहीं होने पर बैरागी अखाड़ों के संतों ने नाराजगी व्यक्त की है। श्रीपंच निर्मोही अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा है कि कंुभ मेला प्रारम्भ होने में बहुत कम समय शेष रह गया है। कुंभ मेला प्रशासन की ओर से अब तक बैरागी कैंप क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की भी सुध नहीं ली गयी है। अखाड़े आश्रमों के सौन्दर्यकरण जैसे कार्यों में भी कोई प्रगति नहीं आ रही है। बैरागी कैंप क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़कें, सीवर की सुविधाओं को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। अस्थाई अतिक्रमण पर अब तक कोई भी कार्रवाई कुंभ मेला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित नहीं किया जाना खेद का विषय है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द आश्रम अखाड़ों के सौन्दर्यकरण के कार्य प्रारम्भ किए जाएं। साथ ही कंुभ मेला प्रशासन को अखाड़े आश्रमों के प्रबंधकों से विचार विमर्श करना चाहिए। श्रीपंच निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि अस्थाई अतिक्रमण बैरागी कैंप क्षेत्र से हटाया जाना चाहिए। इस क्षेत्र में पार्किंग स्थल को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। ताकि संत महापुरूषों को कुंभ मेले के आयोजन में किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े। महंत रामशरणदास महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र में बाहर से आने वाले संत महापुरूषों के शिविर स्थापित होते हैं। बैरागी कैंप क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को वृहद स्तर पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी अखाड़ा परिषद की बैठक में बैरागी कैंप क्षेत्र में कुंभ मेला कार्य शुरू नहीं होने को लेकर प्रस्ताव रखा जाएगा। इस दौरान महंत योगीराज, महंत अगस्तदास, महंत सिंटू दास, महंत रामदास आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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