हरिद्वार। मातृसदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि चमोली आपदा मामले में एसआईटी गठित कर जांच कराई जाये और जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद की मांगों को पूरा कराने के लिए मातृसदन में तपस्या प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने 23 फरवरी से तपस्या (अनशन) शुरू किए जाने की घोषणा की है। तपस्या करने वाले की घोषणा जल्द कर दी जायेगी। कनखल स्थित मातृसदन आश्रम में रविवार को स्वामी शिवानंद ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि स्वामी सानंद की मांगों को सरकार अगर पूरा कर देती तो आज चमोली में आपदा नहीं आती। उन्होंने कहा कि गंगा और सहायक नदियों को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। मातृसदन गंगा के लिए लगातार संघर्ष करता आ रहा है। लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है, जिसका नतीजा चमोली में देखने को मिल रहा है। अगर समय रहते सरकार ने नहीं सुना तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद की मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और उनकी सहायक नदियों पर बनने वाले सभी प्रस्तावित और निर्माणाधीन बांध को निरस्त करने, रायवाला से राय घटी तक खनन बंदी का नोटिफिकेशन जारी करने के लिए, स्टोन क्रशर गंगा से पांच किलोमीटर दूर करने के साथ ही गंगा भक्त परिषद बनाने की मांग पूरी कराने के लिए फिर से मातृसदन में तपस्या 23 फरवरी से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर स्वामी सानंद ने अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। उनकी इन मांगों के क्रियान्वित के लिए पुनः तपस्या शुरू की जा रही है। तपस्या कौन करेगा, इसकी घोषणा भी जल्द की जाएगी। परमाध्यक्ष ने कहा कि प्रोफेसर सानंद चार मांगों मंदाकिनी, अलकनंदा, भागीरथी और उनकी सहायक नदियों पर बनने वाले सभी प्रस्तावित और निर्माणाधीन बांध को निरस्त करने, रायवाला से राय घटी तक खनन बंदी का नोटिफिकेशन, गंगा से पांच किलोमीटर दूर स्टोन क्रशर को करने के अलावा गंगा भक्त परिषद बनाने की मांग को लेकर तपस्या की और अपने प्राण त्याग दिए थे। उनकी मांगों को क्रियान्वित करने के लिए दोबारा तपस्या शुरू की जा रही है।
Comments
Post a Comment