स्नान बड़ा हो या छोटा कभी भी ढिलाई या लापरवाही नही बरतनी है-संजय गुज्याल
• Sharwan kumar jha
हरिद्वार। सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र में अर्ध सैनिक बलों के कुम्भ मेला सम्बंधित व्यवहारिक प्रशिक्षण के 5वें का समापन हो गया,सत्र का समापन पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ मेला संजय गुंज्याल के उद्बोधन से किया गया। इस सत्र में 54 एवं 94 अधिकारी,जवानों द्वारा भाग लिया गया। अभी तक संम्पन हुए 05 प्रशिक्षण सत्रों में अर्द्धसैनिक बलों की 10 कम्पनियों और के 54 अधिकारी,जवानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। श्री गुंज्याल उपस्थित अर्द्धसैनिक बलों को अपने अनुभव के आधार पर भीड़ नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन में अंतर बताया। आईजी कुम्भ द्वारा बताया गया कि दंगों आदि में भीड़ नियंत्रण (ब्तवूक ब्वदजतवस) किया जाता है और मेलों आदि में भीड़ का प्रबंधन किया जाता है। कुम्भ मेला ड्यूटी में लगे प्रत्येक आदमी को अपने-अपने ड्यूटी स्थल पर भीड़ का प्रबंधन इस प्रकार से करना है कि आपके ड्यूटी पॉइंट पर भीड़ का सहजता से आवागमन होता रहे, भीड़ का दबाव कम रहे और आगे भी कहीं भीड़ का दबाव न बनने पाए। स्नान बड़ा हो या छोटा कभी भी ढिलाई या लापरवाही नही बरतनी चाहिए। क्योंकि ये निश्चित नही है कि भगदड़ हमेशा ज्यादा भीड़ में होगी। भगदड़ कम से कम भीड़ में भी हो सकती है। आईजी कुम्भ द्वारा विगत समय मे हुई आतंकी घटनाओं का हवाला देते हुए बताया कि प्रत्येक जवान अपने ड्यूटी स्थल के अलावा उसके आस-पास के क्षेत्र के बारे में भी हमेशा सतर्क रहे। कुम्भ पर पूरी दुनिया की नजरें रहती है, इसलिए यहां घटित होने वाली छोटी से छोटी घटना भी देश दुनिया तक छा जाती है। इसके पश्चात आईजी कुम्भ द्वारा कुम्भ के प्रति लोगों की आस्था के भाव को समझाते हुए बताया गया कि कुम्भ आस्था और भक्ति का सैलाब है, जिसमें करोडों लोग बिना आमंत्रण के भी निश्चित समय और ग्रह नक्षत्रों की दशा के अनुसार भीड़ के रूप में उमड़ आएंगे। इस आस्था रूपी समुन्दर को संभालने में हर किसी का अपना अपना और महत्वपूर्ण रोल है। इसलिए सभी को एक टीम के रूप में सम्मिलित प्रयासों से कुम्भ मेला ड्यूटी को सकुशल सम्पन्न कराना है। समापन सत्र में अपर पुलिस अधीक्षक मेला सुरजीत सिंह पंवार एवं पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल भी उपस्थित रहे।