हरिद्वार। अपनी लम्बित मांगो को लेकर चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड के पूर्व घोषित आंदोलन कार्यक्रम के तीसरे चरण के दूसरे दिन भी चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने चिकित्सालयों में 8 बजे से 10 बजे तक धरना प्रदर्शन और कार्यलयों में 10 से 12 बजे तक कार्य बहिष्कार कर पूरे प्रदेश में अपना विरोध प्रकट किया। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा व प्रवक्ता शिवनारायण सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण न होने की दशा में 29 जुलाई को सभी कर्मचारी सामूहिक सीएल लेकर महानिदेशालय और विश्वविद्यालय का घेराव करेंगे और अपनी न्यायोचित मांगों के लिए आवाज उठाएंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक धवन, जिला मंत्री राकेश भंवर, वरिष्ठ सलाहकार रमेश चंद्र पंत ने कहा कि कर्मचारी 30 जुलाई से बिना अन्न ग्रहण किये अपनी ड्यूटी कर सत्याग्रह करेंगे। कार्य बहिष्कार में रमेश चंद्र पंत, शीशपाल, मूलचंद चैधरी, अनिल कुमार, आशुतोष गैरोला, अरुण, ताजबर सिंह, लोकेश, कमल, कामेंद्र, धर्म सिंह, पप्पू सैनी, सुखपाल सिंह, सोमप्रकाश, अवनीश, दुर्गा सिंह, जयनारायण अजय कुमार, चंद्रप्रकाश, मनीष पंवार, राजकिशोर, दिनेश ठाकुर, सत्यवीर सिंह, अंकित, प्रवीण भारती, नीलम, अनिता आदि शामिल रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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