हरिद्वार। कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने क्षेत्र में दयानंद स्मारक के गेट पर पथराव करने के मामले में चार नामजद सहित अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले में बजरंग दल कार्यकत्र्ताओं ने छात्रों से मिलकर पुलिस कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, ऊंचे पुल के पास स्थित दयानंद स्मारक में गुरुकुल कांगड़ी विवि में पढ़ने वाले छात्र रहते हैं। बीते नौ अक्टूबर को छात्रों ने गांजे की पुड़िया के साथ एक युवक को पकड़ा था। पिटाई के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। गांजा बेचने व खरीदने के शक में एक अन्य युवक की भी पिटाई की गई थी। पुलिस ने गांजे के साथ पकड़े गए युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। वहीं, दूसरे युवक के समर्थन में समुदाय विशेष के कुछ युवकों ने स्मारक पहुंचकर हंगामा किया था। हालांकि पुलिस के आने पर युवक भाग खड़े हुए थे। इस मामले में गुरुवार को हिदू संगठनों ने दूसरे समुदाय युवकों पर स्मारक गेट पर पथराव का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। जिला संयोजक जिवेन्द्र तोमर, सह संयोजक इशांत तेजियान, जिला सह गौरक्षा प्रमुख अमित मुल्तानिया, दिग्विजय सिंह आदि ने छात्रों से मुलाकात कर सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया। ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआइ नितेश शर्मा के स्मारक पहुंचने पर छात्रों से पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद पुलिस को तहरीर देकर बताया गया कि घटना के दिन पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम राजेश यादव बताया था, लेकिन कुछ दूर जाने के बाद उनकी आपसी बातचीत हुई तो पता चला कि युवक का असली नाम अरमान खान उर्फ अमजद है। ज्वालापुर कोतवाल चंद्र चंद्राकर नैथानी के अनुसार छात्र शिवम की तहरीर पर सलमान, अरमान, अमजद, खुर्शीद समेत कुछ अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया कि आरोपितों की तलाश की जा रही है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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